Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

अटरिया मोर कहवाँ बनीं (कविता) गणेश नाथ तिवारी विनायक के कलम से

गणेश नाथ तिवारी 'विनायक' समाज के प्रति ससक्त कवि बाड़े। आईं पढ़ल जाव इहाँ के एगो कविता

5,698

नइखे बाँचल काठ के कोठरिया

अटरिया मोर कहवाँ बनीं

फेड खूंट झाड़ जंगल, सगरो कटि गइलें

माटी के मड़इयाँ जाने, कहवा परइले

लागि गइल लोहा के सटरिया

अटरिया मोर कहवाँ बनीं

नाता रिसता हित मित्र सबकुछ भुलइले

नजरी से प्रेम उनका सब झरि गइलें

बन्हले अकेले गठरियाँ

अटरिया मोर कहवाँ बनीं

दुनिया जहान के ना कवनो फिकिरिया

साथे हँसे बोले हरदम हिरिया अउरी जिरिया

नइखे मिलावत नजरिया

अटरिया मोर कहवाँ बनीं

नइखे बाँचल काठ के कोठरिया

अटरिया मोर कहवाँ बनीं

गणेश तिवारी ‘विनायक’ के परिचय

गणेश नाथ तिवारी ‘विनायक’ पेशा से इंजिनियर बानी बाकिर भोजपुरी साहित्य से लगाव के कारने इहाँ के भोजपुरी में गीत कविता कहानी लिखत रहेनीं| भोजपुरी भासा से गहिराह लगाव राखे आला एगो अइसन मनई जेकर कलम जुवा सोच के बढिया सबदन में सजावेला| इहाँ के कइ गो कविता ‘आखर ई पत्रिका’, ‘सिरिजन तिमाही पत्रिका’ आदि में छपत रहेला| ‘जय भोजपुरी जय भोजपुरिया’ के संस्थापक सदस्यन में से एक गणेश जी भोजपुरी खातिर बेहतरीन काम कs रहल बानीं|

 

279040cookie-checkअटरिया मोर कहवाँ बनीं (कविता) गणेश नाथ तिवारी विनायक के कलम से

ईमेल से खबर पावे खातिर सब्सक्राइब करीं।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.