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भोजपुरी कविता

Special story : ईंहों के जानी , ईंहों के पहचानी:लोक गीत सी लड़की किताब के लेखिका “आकृति विज्ञ…

आकृति विज्ञा 'अर्पण के जनम गाँव रायगंज बाजार खोराबार गोरखपुर में भइल। इनकरी बाबूजी के नाव बशिष्ठ मुनि दूबे आ माई के नाव अंजलि प्रभा हs। इनकरी माई-…

अटरिया मोर कहवाँ बनीं (कविता) गणेश नाथ तिवारी विनायक के कलम से

नइखे बाँचल काठ के कोठरिया अटरिया मोर कहवाँ बनीं फेड खूंट झाड़ जंगल, सगरो कटि गइलें माटी के मड़इयाँ जाने, कहवा परइले लागि गइल लोहा के सटरिया…

माई-बाबूजी (कविता) गणेश नाथ तिवारी ‘विनायक’ के कलम से

बाबू दिन-रात अपना, बचवन के सोंचेले माई मोर लोर कोर,अचरा से पोछेले माई के हियरा,जइसे हउवे गाई बेटवा तs बनि जाला, निपटे कसाई कवनो स्वारथ बिना, बचवा…

बाबूजी-2 (कविता) मैकश के कलम से

घर के जानल पहचानल अनजान बाबूजी हो गइले जइसे कवनों गाछ पुरान बाबूजी घर आंगन दुआर के लाठी रखवार बाबूजी आन्ही रोकत जइसे माटी के देवार बाबूजी…

सूइये तागा जोड़े में उजर गईल जिनिगी (कविता) मैकश के कलम से

कोइला के धाह में ककड़ गईल जिनिगी सूइये तागा जोड़े में उजर गईल जिनिगी लईकाई में हमरो बड़ बड़ कहानी रहे एगो नाय रहे आ छाती भर पानी रहे आन्ही पानी आईल…

बाबूजी (कविता)- मैकश के कलम से

बात बात प भले, रूस खिसिया जालन बाबूजी बाकी दुख मे जब रहिले त,याद आ जालन बाबूजी केहु देहाती केहु कहे ,पढ़े मे जीरो हवन बाबूजी जे भी बारन हमरा…