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Yoga 2023: केतना तरह के होला प्राणायाम? जानि अभ्यास के सही तरीका

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योग आ प्राणायाम स्वास्थ्य खातिर फायदेमंद होला। नियमित योग कईला से शरीर के आकार अवुरी स्वस्थ रहेला, संगही मन के शांति मिलेला। योग के महत्व के एहसास करत पिछला कुछ साल में एकर रुझान बढ़ल बा। कोरोना काल से ही लोग योग आ प्राणायाम के प्राथमिकता देवे लागल बा।

हालांकि लोग के लागेला कि योग आ प्राणायाम एके जइसन बा बाकिर अइसन नइखे। योग आ प्राणायाम में कुछ अंतर बा। योग के मतलब होला शामिल होखल । आमतौर पर योग के सुरुआत साँस लेवे के व्यायाम से होला आ अंत में लेट के आराम आ ध्यान से होला।

जबकि प्राणायाम साँस लेवे के योग ह। योग एगो प्रकार के व्यायाम हवे, जवन शरीर के लचीला बनावेला, आ प्राणायाम कुछ खास व्यायाम के माध्यम से साँस लेवे के नियमन हवे। प्राणायाम योग के बाद कइल जाला। योग से दमा अवुरी प्राणायाम जईसन बेमारी ठीक होखेला, जवन कि दिल के धड़कन अवुरी ब्लड प्रेशर के नियंत्रित करे में मदद करेला। प्राणायाम के कई तरह के होला। जानीं कि प्राणायाम केतना प्रकार होला?

१-अनुलोम-विलोम प्राणायाम

ई प्राणायाम करत घरी दुनु नाक के छेद से साँस लेबे के पड़ेला आ ओकरा बाद साँस छोड़े के पड़ेला। अनुलोम विलोम प्राणायाम के अभ्यास से फेफड़ा मजबूत होखेला, सर्दी से बचाव होखेला, गठिया खातीर फायदेमंद होखेला अवुरी पाचन तंत्र में सुधार होखेला, संगही तनाव अवुरी चिंता से राहत मिलेला।

२-कपालभाति प्राणायाम

 

एह प्राणायाम के अभ्यास खातिर गोड़ मोड़ के बइठ के रीढ़ के हड्डी के सीधा राखीं। सामान्य रूप से 2-3 बार साँस लेवे के चाहीं। साँस लेत घरी एकर असर पेट पर लउके के चाहीं। एकर अभ्यास खून के संचार में सुधार, मेटाबॉलिज्म में सुधार अवुरी एसिडिटी से राहत देवे में मदद करेला।

३-नाड़ी शोधन प्राणायाम

एह प्राणायाम के करे खातिर गोड़ मोड़ के रीढ़ के हड्डी के सीधा राखे के चाहीं। दाहिना नाक के छेद के दबावत घरी बाईं नाक के छेद से साँस छोड़ीं। 10-15 मिनट तक एह प्रक्रिया के दोहराईं।एह प्राणायाम के अभ्यास से दिल, फेफड़ा अवुरी दिमाग स्वस्थ रहेला। संगही, गुस्सा, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, माइग्रेन, नींद ना आवे जईसन समस्या से राहत मिलेला।

४-शीतली प्राणायाम 

एह प्राणायाम खातिर गोड़ मोड़ के बइठ के 6 बेर गहिरा साँस लीं। मुँह से ओ आकार बना के साँस लीं आ नाक से साँस छोड़ीं। एह प्राणायाम के कइला से ब्लड प्रेशर, पेट के अल्सर, एसिडिटी, पाचन शक्ति, हृदय रोग से राहत मिलेला।

५-उज्जायी प्राणायाम

गोड़ मोड़ के एह आसन में बइठ के, समुन्दर के लहर जइसन साँस के माध्यम से आवाज निकाले के चाहीं। जोर से साँस लेत आवाज के गला में ले आवल जाव। मुँह बंद रख के नाक से साँस छोड़े के चाहीं। उज्जायी प्राणायाम से मन के शांति आ शरीर के नया ऊर्जा दिहल जा सकेला।

६-भ्रामरी प्राणायाम

अँगुरी के मदद से अंगूठा से आंख बंद कईला के बाद ओम के जप करत एगो लंबा सांस लीं अवुरी ओकरा बाद ओकरा के छोड़ दीं। इ प्राणायाम क्रोध, अवसाद अवुरी तनाव से छुटकारा पावे में मदद करेला, संगही माइग्रेन के समस्या में फायदा भी करेला।

७-दीर्घ प्राणायाम

 

एह प्राणायाम के करे खातिर लेटत घरी तेजी से साँस लेबे के पड़ेला जेहसे कि पेट फूल जाव। एह मुद्रा में रह के धीरे-धीरे साँस छोड़े के पड़ेला। 5-6 बार अभ्यास करे के बा। अयीसन कईला से मन के शांति मिलेला, शरीर में सकारात्मक ऊर्जा पैदा होखेला, मानसिक रोगी के फायदा होखेला, माइग्रेन के दर्द, अवसाद अवुरी दिमाग से जुड़ल समस्या के फायदा होखेला।

८-भस्त्रिका प्राणायाम

 

गोड़ मोड़ के बईठ जा, फेर एगो गहिरा साँस अंदर-बाहर लीं। एह प्राणायाम के अभ्यास जाड़ा में शरीर के गरम राखे में मदद करेला, फेफड़ा, नाक, आंख, लिवर, किडनी अवुरी कान के स्वस्थ राखे में फायदेमंद होखेला।

 

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