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यूपीएससी कहानी: हर्ष मंदर के ह ? जेकरा खिलाफ सीबीआई जांच चलता, आईएएस कईसे बनले

यूपीएससी कहानी : केंद्रीय गृह मंत्रालय आईएएस अधिकारी रहल आ कार्यकर्ता हर्ष मंदर के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिहलस। एकरा से पहिले साल 2021 में प्रवर्तन निदेशालय भी ओ लोग के लोकेशन पे छापामारी कईले बा। आईं जानी हर्ष मंदर के ह।

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यूपीएससी कहानी: हर्ष मंदर के ह ? जेकरा खिलाफ सीबीआई जांच चलता, आईएएस कईसे बनले

यूपीएससी कहानी : केंद्रीय गृह मंत्रालय आईएएस अधिकारी रहल आ कार्यकर्ता हर्ष मंदर के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिहलस। एकरा से पहिले साल 2021 में प्रवर्तन निदेशालय भी ओ लोग के लोकेशन पे छापामारी कईले बा। आईं जानी हर्ष मंदर के ह।

यूपीएससी कहानी : पूर्व आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर के नाम एक बार फिर सुर्खी में बा। अबकी बेर हर्ष मंदर पे केंद्रीय गृह मंत्रालय के ओर से सीबीआई जांच के आदेश के चलते चर्चा होता। उनुका पे विदेश से चंदा मिले के मामला में एफसीआरए कानून के उल्लंघन करे के आरोप बा। मनी लॉन्ड्रिंग के मामला में प्रवर्तन निदेशालय 2021 में हर्ष मंदर के परिसर में भी छापामारी कईले बा। बतावल जाव कि हर्ष मंदर के हउवन, उनकर पारिवारिक पृष्ठभूमि का बा आ कइसे ऊ आईएएस अधिकारी बन गइलन|

 

2002 में गुजरात दंगा के बाद एह पद से इस्तीफा दे दिहले

हर्ष मंदर 1980 में यूपीएससी में क्रैक करके के आईएएस अधिकारी बन गईले। मध्य प्रदेश आ छत्तीसगढ़ में कलेक्टर रहल बाड़न| हर्ष मंदर 25 साल के उमर में आईएएस बने के फैसला कईले रहले। उ मध्य प्रदेश के कैडर के आईएएस रहले। साल 2002 में गुजरात में भइल दंगा का बाद इस्तीफा दे दिहलन आ एगो गैर सरकारी संगठन में काम करे लगलन| इहाँ के एगो जानल मानल स्तंभकार, शोधकर्ता, शिक्षक आ सामाजिक कार्यकर्ता बानी। उ आईआईएम अहमदाबाद में गरीबी अउरी शासन के पढ़ाई कईले बाड़े। अमेरिका के कई गो विश्वविद्यालयन में भी पढ़वले बानी।

हर्ष मंदर के जनम 17 अप्रैल 1955 के शिलांग में एगो सिख परिवार में भइल रहे। लेकिन उनकर परिवार मूल रूप से पाकिस्तान के रावलपिंडी के रहे वाला रहे। लेकिन भारत के बंटवारा के समय उ रावलपिंडी से शिलांग में बस गईल रहले। उनकर पिता हर मंदर सिंह भी सिविल सेवक रहले।

 

 हर्ष मंदर लिखले बाड़न

पूर्व आईएएस हर्ष मंदर 25 से अधिका किताब लिखले बानी। उनकर लेखन के विषय भारत के सबसे हाशिया पपे पड़ल लोग बा। ऊ स्क्रॉल आ इंडियन एक्सप्रेस खातिर नियमित रूप से कॉलम लिखेलें। एकरा अलावे सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज के स्थापना कईल गईल बा। ई एगो थिंक टैंक ह| एकर प्रमुख फ्लैगशिप फ्लैगशिप ‘इंडिया एक्सक्लूज़न रिपोर्ट’। ई एगो अइसन दस्तावेज ह जवन कमजोर समूहन तक सार्वजनिक सामान के पहुँच के जांच करेला|

साभार- न्यूज़ 18

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