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PM मोदी पूरा जल्दिये पूरा करिहें एगो आउर वादा, विधानसभा आ लोकसभा चुनाव एक साथे करावे के कवायद तेज

केंद्र सरकार देश में विधानसभा आ लोकसभा के चुनाव एक साथे करावे खातिर कवायद तेज कs देले बा। सरकार एह मुद्दा के अध्ययन करे खातिर ममिला विधि आयोग को सउपले बा ।

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केंद्र सरकार देश में विधानसभा आ लोकसभा के चुनाव एक साथे करावे खातिर कवायद तेज कs देले बिया। सरकार एह मुद्दा के अध्ययन करे खातिर ममिला विधि आयोग ले सउपले बिया ताकि व्यावहारिक रोडमैप आ रूपरेखा तय कइल जा सको। लोकसभा के अगिला चुनाव लगभग दु बरिस बाद 2024 में होई जवना के साथे छव राज्यन के विधानसभा चुनावो होखे के बा।

एकरा पहिले साल 2018 में विधि आयोग अपना रिपोर्ट में कहले रहे कि अइसन माहौल बा कि देश में विधानसभा आ लोकसभा के चुनाव एक साथे करावे के जरूरत बा। आयोग ओह समय सुझाव देले रहे कि संविधान के अनुच्छेद 83 (संसद के कार्यकाल), अनुच्छेद 172 (विधानसभा के कार्यकाल) आ जनप्रतिनिधत्व कानून, 1951 में संशोधन कइला के बाद चुनाव एक साथ करावल जा सकत बा। एसे देश के लगातार चुनाव मोड में रहला से निजात पावल जा सकत बा।

सरकार विधि आयोग के ई मुद्दा जरूर देले बिया बाकिर एह समय विधि आयोग में केहू अध्यक्ष नइखे आ आयोग के कार्यकाल फरवरी 2023 में समाप्त होखे वाला बा। विधि आयोग के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज के बनावल जाला। ओहिजा, एकरा पहिले 2016 में संसदीय समितियो अंतरिम रिपोर्ट दे चुकल बिया। सरकार ओह रिपोर्ट के आयोग के देले बिया जवना के एगो महत्वपूर्ण डेग के रूप में देखल जा रहल बा। रिपोर्ट में संसदीय समिति एक साथे चुनाव करावे के आवश्यकता बतवले रहे बाकिर कहले था कि सब राजनीतिक दलन आ क्षेत्रन के एक साथे चुनाव करावे  पs सहमति बनावे में एक दशक के समय लाग सकत बा।

केंद्र-राज्य सरकार आधा-आधा खर्च वहन करी लो

केंद्र सरकार साल 2014 से 2020 तक 5794 करोड़ रुपिया जारी कइले बिया। छव बरिस के एह अवधि में 50 विधानसभा चुनाव आ दु बेर लोकसभा के चुनाव भइल बा। नियमानुसार, लोकसभा चुनावन में समूचा खर्च केन्द्र सरकार उठावेले जबकि विधानसभा चुनावन के खर्च संबंधित राज्य उठावेला। सरकार के कहनाम बा कि जदि चुनाव एक साथ होई तs ई खर्च आधा हो जाई आ केंद्र आ राज्य सरकारन के आधा-आधा खरचा वहन करे के पड़ी।

जहां तक निर्वाचन आयोग के सवाल बा तs ऊ पहिलहु कह चुकल बा कि ओकरा एक साथे चुनाव करावे में कवनो दिक्कत नइखे। एकरा खातिर बस वोटिंग मशीनन के संख्या बढ़ावे के होई, जवना के उ एगो तय समे में कर सकत बा। बता दीं कि देश में विधानसभा आ लोकसभा के चुनाव 1951 से लेके 1967 तक एके साथ भइल बा।

करोड़न के खरचा बांची

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कहत रहल बाड़े कि एक साथ चुनाव करवला से देश के करोड़न रुपिया के खरचा बांच सकत बा जवन लगातार कवनो ना कवनो राज्य में चुनाव होते रहला के कारण होता रहेला। ओहिजा, सुरक्षा बलन के समूचा देशन में बार-बार भेजे के पड़ेला जवना से ओकर काम प्रभावित होला। आदर्श आचार चुनाव संहिता लगला के कारण विकास के कामो प्रभावित होला।

साभार: हिन्दुस्तान

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