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मोस्ट वांटेड: विनोद उपाध्याय एनकाउंटर में मारल गइल

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बीयफ़ें के सबेरे गोरखपुर के मोस्ट वांटेड अपराधी विनोद उपाध्याय के मुठभेड़ भईल। सुल्तानपुर में विनोद के यूपी एसटीएफ घेरलस। सूत्र के मुताबिक विनोद भागे के कोशिश में कई गो राउंड फायरिंग कईले। भागे के दौरान विनोद के मउत एसटीएफ के गोली से हो गईल। उनुका पs एक लाख रुपिया के इनाम रहे।

विनोद गोरखपुर के गुलरिहा थाना में दर्ज मामिला में वांछित रहले। एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश बतवले कि बीयफ़ें के सबेरे एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह के टीम से भईल मुठभेड़ में गोरखपुर के अपराधी विनोद उपाध्याय घायल हो गईले। उनुका के अस्पताल पहुंचावल गईल, लेकिन उनुकर मउत हो गईल।

विनोद के आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में…

विनोद के खिलाफ 35 मामिला दर्ज

गोरखपुर समेत दोसरो जिलन में यूपी के मोस्ट वांटेड गोरखपुर के विनोद उपाध्याय के खिलाफ 35 गो मामिला दर्ज बा। उनुका के अबे ले कवनो मामिला में सजा नईखे मिलल। थप्पड़ के बदला लेबे में हत्या कइला के चलते ऊ लाइमलाइट में आ गइलन। जवना के बाद विनोद अपराध के दुनिया में फंस गईले।

बतावल जाता कि 2004 में गोरखपुर जेल में बंद नेपाल भैरहवा अपराधी जीतनारायण मिश्र विनोद के कवनो मुद्दा पs थप्पड़ मारले रहले। जवना के बाद उ 7 अगस्त 2005 के संत कबीर नगर बखिरा के लगे जीतनारायण के गोली मार के हत्या कsदेले, जसही उनुका जमानत पs रिहा भईला के बाद जमानत मिल गईल। एही में जीतनारायण के देवर गोरेलाल के भी मउत हो गईल।

रेलवे के ठेका खातिर हिन्दूवादी नेता के पिटलस

रेलवे के अलावा विनोद के नजर एफसीआई के ठेका पs भी रहे। एकरा बारे में विनोद हिन्दू युवा वाहिनी के नेता सुशील सिंह के अपहरण कs लेले रहले। ओकरा बाद उ सुशील के पीट के विजय चौक से गोरखपुर शहर के भीतर गणेश होटल ले गईले। जवना के बाद पुष्टि भईल कि उ गोरखपुर के मजबूत नेता हरिशंकर तिवारी के आदमी हवे।

 2007 में बसपा से चुनाव हारल

विनोद बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा से मिल के चुनाव लड़े के तइयारी शुरू कs दिहलन। एकरा चलते बसपा विनोद के गोरखपुर के प्रभारी बना दिहलस। 2007 में गोरखपुर नगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनले। लेकिन उ चुनाव हार गईले। एही बीच गैंग वार के चलते विनोद के खिलाफ खुद 2007 में लखनऊ के हजरतगंज थाना में हत्या के मामिला दर्ज भईल रहे। साल 2008 में हत्या के कोशिश के मामिला दर्ज भईल रहे।

हत्या के हत्या से बदला लेत रहले, लखनऊ में भी दर्ज मुकदमा

दूसर ओर लाल बहादुर यादव राजनीति में आ गईले। पिपरौली से प्रखंड प्रमुख बन गईले। मई 2014 में गोरखपुर विश्वविद्यालय में आईल रहले। जइसहीं उ गेट पs पहुंचले उनुका के गोली मार दिहल गईल। हत्या के बदला हत्या से पूरा हो गईल। गोरखपुर कैंट पुलिस विनोद उपाध्याय समेत 14 लोग के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवलस। विनोद समेत 11 लोग के गिरफ्तार कs लिहल गइल। 3 लोग फरार हो रहल बाड़े। विनोद कुछ समय बाद जमानत पs निकलल।

विनोद के खिलाफ हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट अवुरी गैंगस्टर एक्ट के तहत मामिला दर्ज भईल। साल 2020 ले विनोद के खिलाफ गंभीर धारा के तहत दर्ज मामिला के संख्या 25 हो गईल। जब जमानत पs रिहा भईल तs उ फरार हो गईले। पुलिस 25 हजार रुपिया के इनाम के घोषणा कईलस। 17 जुलाई 2020 के पुलिस गोमतीनगर के विपुल सेक्शन से विनोद के गिरफ्तार कs लेले रहे। इहाँ विनोद जवन जमीन पs कब्जा कईले रहले, ओकरा के प्रशासन आजाद कs देले रहे

साभार- दैनिक भास्कर

 

 

 

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