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गोरखपुर शहर के नए साल में मिली कचरा से छुटकारा, 40 प्रतिशत काम हो चुकल बा

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शहर में नयका साल में कचरा से छुटकारा मिले के उम्मीद बा। नगर निगम के ओर से सुठनी गांव में बनत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र में 6 जनवरी के बाद शहर से बहरा निकले वाला कचरा के निपटान कईल जा सकता।

काम करावे वाला संगठन के दावा बा कि चालीस फीसदी काम पूरा हो गइल बा। संयंत्र के संरचनात्मक हिस्सा 6 जनवरी के पूरा हो जाई। एकरा बाद इहाँ कचरा के निपटान कईल जा सकsता। 20 एकड़ जमीन में 28.40 करोड़ के लागत से बनल 500 मीट्रिक क्षमता वाला संयंत्र में कचरा से खाद बनावल जाई।

कार्यकारी निकाय जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सी एंड डीएस) संरचनात्मक हिस्सा बनावे के जिम्मेवारी देवरिया के त्रिलोकीनाथ त्रिपाठी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के देहले बिया। कंपनी के दावा बा कि करीब 40 प्रतिशत निर्माण काम पूरा हो चुकल बा। 70 प्रतिशत मशीन शेड, 75 प्रतिशत फिनिशिंग प्रोडक्ट गोदाम, 80 प्रतिशत गार्ड रूम, 80 प्रतिशत टॉयलेट ब्लॉक अउरी 27 प्रतिशत पानी के जरूरत पूरा हो चुकल बा। रिटेनिंग वॉल के काम चल रहल बा।

करीब 450 मीट्रिक टन कचरा के निपटान कईल जाई

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र के क्षमता 500 मीट्रिक टन बा। फिलहाल नगरपालिका क्षेत्र से करीब 350 मीट्रिक टन कचरा निकलsता। 32 गांव से कचरा संग्रहण के बाद इ मात्रा 450 मीट्रिक टन हो सकsता।

सी एंड डीएस के जूनियर इंजीनियर ओपी यादव बतवले कि नयका साल के शुरुआत तक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र के संरचनात्मक हिस्सा तैयार हो जाई। एकरा बाद इहाँ कचरा फेंकल जा सकता। कचरा से खाद बनावे वाली कंपनी के फैसला सरकारी स्तर से होई।

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