अजरबैजान के राजधानी बाकू में चल रहल COP29 सम्मेलन में जलवायु वित्त के लेके सहमति नइखे बन पा रहल। दरअसल विकासशील देस जहां कार्बन उत्सर्जन कम करे खातिर पहिले विकसित देसन के ओर से वित्तीय मदद देवे के मांग पs अड़ल बाड़ें सs। ओहिजा विकसित देसन के कहनाम बा कि धनी विकासशील देसन के वित्तीय मदद में जोगदान देवे के चाहीं।
विकासशील देसन के कहनाम बा कि जब ले विकसित देस वित्तीय मदद देवे पs कवनो फैसला नइखे करत, तब तक आगे कवनो बात ना होई। एकरा वजह से बाकू में चल रहल जलवायु सम्मेलन में कवनो सहमति नइखे बन पावत। संयुक्त राष्ट्र के जलवायु ममिलन के प्रमुख चेतावनी देले बाड़ें कि जदि दुनिया के देस समझौता ना करी लो तो एकर बातचीत उल्टा दिसा में जा सकत बा।
का हs जलवायु वित्त
दरअसल जलवायु वित्त ऊ अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण बा, जवना के मांग विकासशील देसन के ओर से कइल जा रहल बा। विकासशील देसन के कहनाम बा कि जदि ओकनी के कार्बन उत्सर्जन कम करे के बा तs एकरा खातिर वैकल्पिक संसाधनन के जरूरत होई, जवना खातिर वित्तीय मदद मिले के चाहीं ताकि पृथ्वी के औसत तापमान में बढ़न्ती के दु डिग्री सेल्सियस से कम तक सीमित कइल जा सकी।