Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।
Browsing Category

कविता

‘कविता के समकालीन चुनौती’ विषय पर शहर में गरमागरम विमर्श

कार्यक्रम के युवा लेखक लोग मिल के बशारतपुर स्थित निखिल पांडेय जी के आवास पर कइले रहनें सब। दू दिवसीय कार्यशाला के पहिले दिन के पहिला सत्र में ‘ कविता…

बिआहे के बीड़ा : कृष्ण श्रीवास्तव ‘कृष्णा’ जी के कलम से

काटे ले कस के केतनो ई कीड़ा कुचीह न बाबु बियाहे के बीड़ा सुनी ल मरदे मेहरारू के किस्सा विअहल जोड़ी के जिनगी के हिस्सा बोतली आ कउड़ी के देखनी विआह…

तीज के बरतिया (कविता) गणेश नाथ तिवारी ‘विनायक’ के कलम से

हाथवा में मेंहंदी लगाइबि सेनुरा सजाइबि महावर लगाइबि हो करब निर्जल, तीज के बरतिया शिव के मनाइबि हो तीज के बरत, एहवात करे जग में पिया के…

अटरिया मोर कहवाँ बनीं (कविता) गणेश नाथ तिवारी विनायक के कलम से

नइखे बाँचल काठ के कोठरिया अटरिया मोर कहवाँ बनीं फेड खूंट झाड़ जंगल, सगरो कटि गइलें माटी के मड़इयाँ जाने, कहवा परइले लागि गइल लोहा के सटरिया…

कनवा अन्हरन्ह कै राजा हौ: राजनीतिक व्यंग्य के कविता

बाजत अब ओकरे बाजा हौ कनवा अन्हरन्ह कै राजा हौ का दी का ली अब के पूछे चलs भले से राहि ना सूझे भाग बनल किस्मत बहुराइल रंगल सियारन के दिन आइल…

माई-बाबूजी (कविता) गणेश नाथ तिवारी ‘विनायक’ के कलम से

बाबू दिन-रात अपना, बचवन के सोंचेले माई मोर लोर कोर,अचरा से पोछेले माई के हियरा,जइसे हउवे गाई बेटवा तs बनि जाला, निपटे कसाई कवनो स्वारथ बिना, बचवा…

बाबूजी-2 (कविता) मैकश के कलम से

घर के जानल पहचानल अनजान बाबूजी हो गइले जइसे कवनों गाछ पुरान बाबूजी घर आंगन दुआर के लाठी रखवार बाबूजी आन्ही रोकत जइसे माटी के देवार बाबूजी…