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DU में पढ़इहें बक्सर के बेटी! जउन कॉलेज में पढ़ली अब ओहिं में प्रोफेसर बन लइकन के दिहें शिक्षा

डॉ. अर्चना कुमारी सफलता के श्रेय अपना माता-पिता अवुरी भाई-बहिन के देले बाड़ी अवुरी कहली कि उनुका के सफल बनावे खातीर परिवार के लोग बहुत सहयोग कईले बाड़े। अर्चना कहली कि इ उनुकर आपन मेहनत रहे लेकिन माता-पिता उनुका के प्रोत्साहित कईले, जवना के चलते आज उ ए मुकाम पs पहुंच गईल बाड़ी।

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बिहार के बेटी दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गईल बाड़ी। डुमरांव के सफाखाना रोड निवासी शिक्षाविद के बेटी डॉ. अर्चना कुमारी दिल्ली विश्वविद्यालय के हिस्सा इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय में लइकन के पढ़ावे के काम करीहें। जवना के वजह से परिवार समेत पूरा जिला में खुशी के माहौल बा। डॉ. अर्चना कुमारी अपना उपलब्धि से जिला के नाम रोशन कइले बाड़ी।

अर्चना के पिता राजबल्लभ सिंह एगो प्राइवेट स्कूल के निदेशक हउवें। जबकि माता पुष्पा देवी डुमरांव में स्थित महारानी उषारानी बालिका प्लस टू के पूर्व प्राचार्या बाड़ी। डॉ. अर्चना कुमारी के बड़ भाई अमितेश कुमार एगो शिक्षक हउवें। जबकि दूसरा भाई डॉ. आशुतोष कुमार बनारस बीएचयू में इतिहास विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत बाड़े। आ उनकर बड़की बहिन आभा कुमारी डालमिया नगर में शिक्षिका हई।

डुमरांव से कइली इंटरमीडिएट तक के पढ़ाई

डॉ. अर्चना दिल्ली के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में आपन योगदान दे चुकल बाड़ी। माई पुष्पा देवी बतवली कि डॉ अर्चना के शुरुआती शिक्षा डुमरांव के न्यू सेंट्रल स्कूल से शुरू भईल रहे। एकरा बाद राजगढ़ के महारानी उषारानी बालिका प्लस टू स्कूल में 8वीं से 10वीं तक पढ़ाई कइनी। एकरा बाद 2005 में प्रथम श्रेणी में मैट्रिक के परीक्षा पास कइला के बाद सुमित्रा महिला महाविद्यालय डुमरांव से इंटर कइली।

एकरा बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के हिस्सा इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय से इतिहास से स्नातक कइला के बाद पीजी कइली। एही बीच अर्चना नेट आ अउरी प्रतियोगी परीक्षा के तइयारी करत रहली। हालांकि एह बीच अर्चना पढ़ाई ब्रेक ना कइली। एमफिल कइला के बाद इतिहास में पीएचडी के डिग्री लेहले आ दिल्ली यूनिवर्सिटी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में योगदान दिहली। डुमरांव के ही ना, जिला के गौरवान्वित करवले बानी। एतने ना, अर्चना दोसरा विद्यार्थियन खातिर प्रेरणा के स्रोत बन गइल बाड़ी।

सफलता के श्रेय माता-पिता के दिहली

डॉ अर्चना कुमारी एह सफलता के श्रेय अपना माई-बाबूजी आ भाई-बहिन के देले बाड़ी। कहली कि उनुका के सफल बनावे में परिवार के लोग बहुत सहयोग कईले बाड़े। अर्चना कहली कि उ खुद मेहनत कईली लेकिन माई-बाबूजी उनुका के प्रोत्साहित कईले। जवना के चलते आजु इ ए मुकाम पs पहुंच गईल बाड़ी।

 

 

 

 

 

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