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कानून के ठेंगा दिखावे वाला गोरखपुर के जिलाधिकारी प इलाहाबाद हाई कोर्ट पांच लाख रुपिया ठोकलस हर्जाना

Allahabad High Court अदालत के डिक्री के उल्टा कानून हाथ में लेके सिविल आ आपराधिक केस में याची के फंसाले परेसान करे वाला जिलाधिकारी गोरखपुर प पांच लाख रुपिया हर्जाना लगावल गइल बा। संगही जिलाधिकारी द्वारा याची के खिलाफ कइल गइल कार्यवाही के रद क दिहल गइल बा। 

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इलाहबाद हाईकोर्ट अदालत के डिक्री के उल्टा कानून हाथ में लेके सिविल आ आपराधिक केस में याची के फंसाले परेसान करे वाला जिलाधिकारी गोरखपुर प पांच लाख रुपिया हर्जाना लगावल गइल बा। संगही जिलाधिकारी द्वारा याची के खिलाफ कइल गइल कार्यवाही के रद क दिहल गइल बा।

डीएम गोरखपुर कानून के ना कइलें सम्मान

कोर्ट कहले बा कि जिलाधिकारी गोरखपुर नियम कानून के सम्मान ना कइलस। याची के वैध जमीन हथियावे खातिर कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग कइलें। कोर्ट प्रमुख सचिव गृह के जिलाधिकारी के आचरण के जांच क के उनका खिलाफ विभागीय कार्रवाई करे के निरदेस देले बा।

जानीं का बा पूरा मामला

ई आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार आ न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां के खंडपीठ गोरखपुर,पार्क रोड स्थित बंगला नं 5 के मालिक कैलाश जायसवाल के याचिका के स्वीकार करत देले बा। मालूम होखे कि विवादित संपत्ति 24/25 सितंबर 1999 के जिलाधिकारी याची के नावे फ्री होल्ड कइलें आ ओकरा पक्ष में बैनामा क देलें। बंगला ट्रेड टैक्स विभाग किराया प लेले रहे। किराया जमा ना कइला प याची बकाया वसूली वाद दायर कइलें। 29 मार्च 2006 के सिविल वाद मंजूर हो गइल आ बंगला खाली करे के आदेस भइल।

अदालत के आदेस प पुलिस बल दिलवलस कब्जा

निष्पादन अदालत में कहल गइल कि एक महीना में खाली क दिहल जाइल बाकिर खाली ना कइल गइल। फेर हाईकोर्ट में याचिका दायर भइल। कोर्ट जिलाधिकारी आ एसएसपी गोरखपुर के एक महीना में पुलिस बल से बंगला खाली करावे के निरदेस दिहल। एकर बाद याची के कब्जा मिलल।

सुप्रीम कोर्ट तक खारिज होत रहल आपत्ति

एकरा बाद 30 नवंबर 2010 के टैक्स एडवोकेट एसोसिएशन आपत्ति दाखिल कइलस जवन खारिज हो गइल। ममिला सुप्रीम कोर्ट तक खारिज होत रहल। एकरा बाद याची नक्शा पास कराके निर्माण सुरू कइलें। जवना प सिटी मजिस्ट्रेट हस्तक्षेप कइलें त हाईकोर्ट रोक लगा देलस आ सिटी मजिस्ट्रेट के आदेस रद क देलस।

एकरा बाद जिलाधिकारी फ्रीहोल्ड डीड निरस्त करे के केस दायर कइलें संगही गुंडा एक्ट के तहत आपराधिक केस दर्ज कइलें। कोर्ट चार्जशीट दायर होखे तक याची के राहत देलस। चार्जशीट दाखिल होखला के चुनौती दिहल गइल। याची के कोर्ट राहत दे देलस।

पुलिस अधिकारी लोग घर में घुसके धमकावल 

एकरा बाद 10 अप्रैल 2019 के एक दर्जन पुलिस आ आधा दर्जन सिविल ड्रेस में अधिकारी याची के घर में आइल लो। गारी देलस लो। एनकाउंटर में जान से मारे के धमकी दिहल लो। घटना सीसी टीवी फुटेज में रिकार्ड हो गइल। जिलाधिकारी हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल क के आपन कार्रवाई के सही ठहरवले। राज्य सरकार जिलाधिकारी के फ्रीहोल्ड रद क के केस वापस लेवे के आदेश देलस, बाकिर कवनो असर ना भइल।

डीएम खुद के कर देले एक्सपोज

कोर्ट कहलस प्राइम लोकेशन के जमीन, जेकर वैध मालिक याची बा, के हथियावे खातिर कोर्ट के डिक्री के बावजूद जिलाधिकारी सिविल आ आपराधिक दुनो कार्यवाही क के याची के दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से परेसान कइलें। कानून के दुरुपयोग कइलें। उनकर एह आचरण के उचित नइखे कहल जा सकत बा। अइसन कार्यवाही क के जिलाधिकारी खुद के एक्सपोज क देले। कोर्ट डीएम गोरखपुर प पांच लाख रुपिया हर्जाना जमा करे के आदेस जारी कइलस।

कोर्ट जिलाधिकारी के 5 लाख हर्जाना विधिक सेवा समिति में जमा करे के निरदेस देले बा आ संगही उनका खिलाफ जांच क के विभागीय कार्रवाई करे आदेश देले बा।

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