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अध्ययन : पानी के बोतल में टॉयलेट सीट के मुक़ाबले 40,000 गुना जादा बैक्टीरिया होला: अध्ययन

अध्ययन में शोधकर्ता बतवले कि ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाई के प्रतिरोधी संक्रमण पैदा क सकता, लेकिन कुछ प्रकार के बेसिलस गैस्ट्रो-इन्टेस्टाइनल समस्या पैदा क सकता

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अध्ययन : पानी के बोतल में टॉयलेट सीट के मुक़ाबले 40,000 गुना जादा बैक्टीरिया होला


अध्ययन में शोधकर्ता बतवले कि ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाई के प्रतिरोधी संक्रमण पैदा क सकता, लेकिन कुछ प्रकार के बेसिलस गैस्ट्रो-इन्टेस्टाइनल समस्या पैदा क सकता

एगो नाया अध्ययन में पाता चलल बा कि दोबारा इस्तेमाल करे लायक बोतल में औसत टॉयलेट सीट से 40,000 गुना तक जादा बैक्टीरिया होला|

हफपोस्ट में प्रकाशित एगो रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के वाटरफिल्टरगुरू डॉट कॉम के शोधकर्ता के टीम बोतल के अलग-अलग हिस्सा के परीक्षण कईल, जवना में टोंटी-कैप, स्क्रू-कैप, डिटैचेबल कैप अउरी पुश-क्लोज कैप के संगे तीन-तीन बेर स्वैब उठवले, अउरी दु बेर इनहन पे बैक्टीरिया के प्रकार पावल गइल – ग्राम-नेगेटिव रॉड्स और बैसिलस।

ऑस्ट्रेलियाई कैथोलिक विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक अउरी होर्डिंग डिसऑर्डर के विशेषज्ञ एसोसिएट प्रोफेसर केओंग याप ए खोज के तुलना ओ वस्तु (भरल खिलौना आदि) से कईले, जवना के इस्तेमाल बच्चा तनाव के खतम करे खातीर करेले अउरी कहले कि, इहे वस्तु ह , जवन कि हमनी के धोखा नईखे दे सकत। .. ऊ लोग भरोसेमंद होला|

अध्ययन में शोधकर्ता बतवले कि ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाई के प्रतिरोधी संक्रमण पैदा क सकता, लेकिन कुछ प्रकार के बैसिलस गैस्ट्रो-इन्टेस्टाइनल संबंधी समस्या पैदा क सकता। उ लोग सफाई के बोतल के तुलना रोजमर्रा के घर के सामान से कईले अउरी पाता चलल कि एक बोतल में रसोई के सिंक से दुगुना कीटाणु होखेला, जवन कि कंप्यूटर माउस से चार गुना जादा अउरी पालतू जानवर के खाना के डिश से 14 गुना जादा कीटाणु , बैक्टीरिया हो सकता|

न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, इम्पीरियल कॉलेज लंदन के मॉलिक्यूलर माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ एंड्रयू एडवर्ड्स कहले कि, “मनुष्य के मुंह तादाद में जीवाणुअन के विभिन्न श्रेणि के घर होला…एहसे पीये के बर्तन में माइक्रोब्स के ढंकल रहेला| ई कवनो आश्चर्य के बात नईखे।” ..”

भले ही पानी के बोतल में बहुत संख्या में बैक्टीरिया के आश्रय हो सकता, लेकिन यूनिवर्सिटी ऑफ़ रीडिंग के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ साइमन क्लार्क के मुताबिक, इ जरूरी नईखे कि इ बोतल खतरनाक साबित होखे। उ कहले, “हम कबो ना सुनले बानी कि बोतलबंद पानी से केहु के बेमार होखे… ठीक ओसही नल के भी कवनो दिक्कत नईखे… आखिरी बेर कब नल से एक गिलास पानी पी के केहु के बेमार कईले बा? ” कब बेमार होखे के बारे में सुनले बानी…? पानी के बोतल में बैक्टीरिया से दूषित हो सकता जवन कि लोग के मुंह में पहिले से मौजूद बा…”

एकरा अलावे ए अध्ययन में इहो पाता चलल कि जवना प्रकार के बोतल के परीक्षण कईल गईल रहे, ओ में से जवना प्रकार के दबाके बंद होखे वाला ढक्कन वाला बोतल रहे, उ सबसे साफ रहे, अउरी एकरा में सिर्फ स्क्रू-नुमा ढक्कन आ स्ट्रॉ-फिटेड ढक्कन वाला बोतल के मुक़ाबले पानी मे बैक्टीरिया कम रहे। शोधकर्ता के सलाह बा कि दोबारा इस्तेमाल करे लायक बोतल के रोज कम से कम एक बेर गरम पानी अउरी साबुन से धोवे के चाही, अउरी सप्ताह में कम से कम एक बेर सेनेटाइज करे के चाही।

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