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‘बावला’ के सौवीं जयंती पर ‘गीत मंजरी’ के विमोचन

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विश्व भोजपुरी सम्मेलन, गाजियाबाद इकाई आ सर्वभाषा ट्रस्ट के सम्हिलात संयोजन में गाजियाबाद में जनकवि राम जियावान दास ‘बावला’ जी के सौवीं जयंती मनावल गइल। दिल्ली-एन सी आर में ‘बावला’ जी केन्द्रित ई पहिल कार्यक्रम के परयास रहल ह। कार्यक्रम में बावला जी के नवीनतम काव्य संकलन ‘गीत मंजरी’ के विमोचन भइल। ‘गीत मंजरी’ के सम्पादन गीतपुरुष आदरणीय श्री हरिराम द्विवेदी जी आ जयशंकर प्रसाद द्विवेदी कइले बाड़न आ ई किताब सर्वभाषा ट्रस्ट का ओर से प्रकाशन भइल बा।


किताब लोकार्पण-परिचर्चा सह कवि-गोष्ठी के कार्यक्रम के शुरुआत मुख्य अतिथि श्री अजीत दुबे ( सदस्य साहित्य अकादमी, राष्ट्रीय अध्यक्ष ‘विश्व भोजपुरी सम्मेलन’) आ कार्यक्रम अध्यक्ष श्री अशोक श्रीवास्तव (अध्यक्ष, सुभास पार्टी,अध्यक्ष पूर्वाञ्चल भोजपुरी महासभा आ विश्व भोजपुरी सम्मेलन गा0 इकाई ) का संगे संगे उपस्थित विशिष्ट अतिथि सुभास पार्टी के संस्थापक आ प्रवक्ता श्री सतेंद्र यादव जी, सुप्रसिद्ध भोजपुरी साहित्यकार श्री मनोज भवुक जी ,हिंदी-भोजपुरी की कवयित्री श्रीमती सरोज त्यागी जी,भोजपुरी साहित्य सरिता के सह संपादक श्री सुनील सिन्हा जी ‘बावला’ जी चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित क के कइलन।


‘गीत मंजरी’ के एगो संपादक जयशंकर प्रसाद द्विवेदी अपने बीज वक्तव्य में ‘बावला’ जी के जिनगी से लेके उनुका रचनाकर्म पर विस्तार से विवरण प्रस्तुत कइले आ एह किताबि के सम्पादन में बावला जी परिवार का ओर से मिलल सहमति आ योगेन्द्र शर्मा ‘योगी’ के सहजोग खातिर आभार जतवलें। ‘गीत मंजरी’ पर परिचर्चा में भोजपुरी साहित्यकार मनोज भावुक जी बावला जी के संबोधित क लिखल पोस्टकार्डन के चर्चा करत उनके सुलझल व्यक्तित्व आ रचनाकर्म पर आपन विचार रखलें। अपना बात के क्रम एह किताबि के एगो रचना “दुनिया में चार दिन के जिनगी के खेल बा, झमेल कवने काम के/ जाये के अकेल बा, झमेल कवने काम के।” के विशेष रूप से इयाद करत एह गीत के पाठो कइलें। परिचर्चा के क्रम में सतेन्द्र यादव मातृभाषा के सम्मान करे ला सभे के प्रेरित कइलेन। ‘बावला’ जी के एगो गीत ‘कहवाँ से आवेला कवन ठाँव जइबा, बबुआ बोलता ना’ के जिकिर करत सरोज त्यागी उनुके रचनन में अपने गाँव-गिराव आ माटी के महक के चिन्हित करत भाव विभोर हो गइनी। कार्यक्रम अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव कार्यक्रम में आइल सभे लोगन के प्रति आभार जतावत एह तरे के काम में हर तरह से सहजोग देवे के आश्वासन दिहलें। मुख्य अतिथि अजीत दुबे जी अपने सम्बोधन में विश्व भोजपुरी सम्मेलन से दीहल गइल ‘सेतु सम्मान – 2002’ आ साहित्य अकादमी भारत सरकार का ओर से प्रकाशित डॉ अशोक द्विवेदी के लिखल मोनोग्राम के विशेष चर्चा कइलन। मातृभाषा भोजपुरी के बढ़न्ति खातिर लगातार काम करत रहे पर आपन प्रतिबद्धता जतवलें।


कार्यक्रम के अगिला भाग भोजपुरी काव्य गोष्टी के रहल जवना के अध्यक्षता मनोज भावुक जी कइलें। ओह में उपस्थित कवि सुनील सिन्हा, सरोज त्यागी, डॉ जे पी मिश्रा, संतोष शर्मा, नवनीत शर्मा अपने अपने रचनन के पाठ से सभे श्रोता लोगन के मंत्रमुग्ध क दिहलें। कार्यक्रम के सफल संचालन भोजपुरी साहित्यकार आ ‘गीत मंजरी’ के सह संपादक जयशंकर प्रसाद द्विवेदी के रहल। कुल मिलाके एगो सुघर कार्यक्रम के सफल समापन सम्पन्न भइल।

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