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देवरिया: गोद में ट्रेजरी कार्यालय पहुंचल वृद्धा, बोलल- जिंदा बानी

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ऑनलाइन व्यवस्था धड़ाम होखला के कारण पेंशनधारकन के खुद के जिंदा साबित करे खातिर दूसरा के कंधन आ गोद के सहारा लेके ट्रेजरी ऑफिस पहुंचे के पड़ रहल बा। एतने ना ई-केवाईसी के चक्कर में बुजुर्गन के घंटन इंतजार करे के पड़ रहल बा। हर दिन लगभग 80 से सौ के संख्या में बुजुर्ग दूर-दराज क्षेत्रन से आ रहल बा लो। एह लोग खातिर ना त बइठे के इंतजाम बा आ ना केहू मददगार।

जिले के करीब 21 हजार पेंशनधारकन खातिर नवंबर महीना खुद के जिंदा साबित करे वाला महीना बन के रह गइल बा। एमे से करीब छव गो अइसन पेंशनधारक बा लो, जे सौ के उमिर पार कर चुकल बा लो आ डबल पेंशन के फायदा उठा रहल बा लो। जबकि एक हजार के करीब 80 के उमिर पार करे वाला पेंशनधारक बा लो, जे बीस प्रतिशत सामान्य पेंशन से बेसी पावेला लो ला।

एह लोगन खातिर ई-केवाईसी, आधार से खाता के लिंक आ जिंदा होखला के प्रमाणपत्र देवे के होला। एकरा खातिर ऑनलाइन बेवस्थो बा बाकिर सर्वर काम ना कइला के कारण अधिकतर पेंशनधाराकन के जिला मुख्यालय के कोषागार प आवे के होला।

एह दिनन ट्रेजरी ऑफिस प भीड़ लाग रहल बा। बुजुर्ग दूसरा के कंधन के सहारे ऑफिस पहुंच के घंटन इंतजार कर रहल बा लो। एतने ना, केहु आ बेमार बा लो त केहू खुद चल नइखे पावत। ऑफिस आइल रमावाती बतवली कि बिना खइले आइल बानी। घंटन इंतजार कइला के बाद काम भइल बा।

सुभावती बतली कि घर के लोगन के मालूमे नइखे कि ऑनलाइन प्रमाणपत्र जमा होला। विश्वनाथ बतवले कि ऑनलाइन अपलोड ना होखला के कारण बहुते दिक्कतन के सामना करे के पड़ रहल बा। उत्तर प्रदेश पेंशनर्स कल्याण संस्था के मंत्री लालसा यादव बतवली कि ऑनलाइन काम न होखला के वजह से दिक्कत आ रहल बा। जदि ई ठीक हो जाव त बहुते राहत मिली।

पेंशन के वर्गीकरण

80 साल उमिर प 20 प्रतिशत बढ़ जाला।

85 साल के उमिर प 30 प्रतिशत बढ़ेला।

90 साल के उमिर में 40 प्रतिशत बढ़न्ती।

95 साल के उमिर में 50 प्रतिशत बढ़ेला।

100 साल के उमिर 100 प्रतिशत ठीक डबल होला।

ट्रेजरी अफसर प भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी के सरंक्षण देवे के दाग, एगो कर्मचारी निलंबित

ट्रेजरी ऑफिस के एगो पटल सहायक के रुपिया लेत कुछ दिन पहिले एगो वीडियो वायरल भइल रहे। एकरा बाद आरोपी कर्मचारी प कवनो कार्रवाई ना भइल। एह पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह सख्त रुख अख्तियर करत निदेशक कोषागार के पत्र भेजके बतवलें कि वरिष्ठ कोषाधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करे के जगह संरक्षण दे रहल बाड़ें। पूरा ममिला के जांच के बाद निदेशक लेखाकार के निलंबित क देले बाडें।

जिलाधिकारी निदेशक कोषागार के पत्र भेजके सात नवंबर के बतवले रहस था कि तीन नवंबर के कोषागार के कर्मचारी शारदेश कुमार सिंह के एगो वीडियो वायरल भइल रहे। एमे ऊ पेंशनधारक से रुपिया लेत लउकत रहलें। ई प्रकरण वरिष्ठ कोषाधिकारी कुलदीप सरोज के संज्ञान में रहे बाकिर कार्रवाई ना कइल गइल।

एह प डीएम निदेशक के जानकारी देलें कि वरिष्ठ कोषाधिकारी के ई रवैया भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी के संरक्षण देवे वाला बा। कार्रवाई ना होखला प कार्यशैली प सवाल खड़ा हो रहल बा। एसे सरकार के छवि धूमिल हो रहल बा। पूरा ममिला शासन तक पहुंचला के बाद निदेशक कोषागार नील रतन कुमार गंभीरता से लेत पटल सहायक शारदेश कुमार सिंह के खिलाफ जांच बइठा देलें।

ममिला के जांच अपर निदेशक कोषागार गोरखपुर मंडल कइलें। एकरा बाद जांच आख्या निदेशक के सउप देलें। एमे दोषी पावल गइला प पटल सहायक शारदेश कुमार सिंह के निलंबित क दिहल गइल बा।

जिलाधिकारी हमार उच्चाधिकारी हवें। हमरा ऊपर लागल आरोप प कुछ नइ खीं कह सकत। पूरा प्रकरण के जांच के बाद कार्रवाई भइल बा। ट्रेजरी ऑफिस आवे वाला बुजुर्गन के सहजोग कर्मचारी करेला लो। ऑनलाइन प्रमाणपत्र जमा कइल जा सकत बा

-कुलदीप सरोज, वरिष्ठ कोषाधिकारी 

साभार: अमर उजाला

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