Railway News: पूर्वोत्तर रेलवे के तीन स्टेशनन पs मशीन से हो रहल बा ट्रेन के सफाई, 26 हजार रुपिया के आइल मशीन
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह बतवलें कि गोमतीनगर आ मंडुआडीह के बाद औड़िहार वाशिंग पिट में अत्याधुनिक वाशिंग मशीन लगवाल गइल बा। एकरा लाग गइला से ट्रेनन के धुलाई में समय के संगही पानियो के बचत होई।
पूर्वोत्तर रेलवे के गोमतीनगर, मंडुआडीह के बाद अब औड़िहार में ऑटोमेटिक कोच वाशिंग मशीन लगा दिहल गइल बा। सोमार के एह मशीन से ट्रायल के तौर पs दु ट्रेनन के कोचन के सफाईयो कइल गइल। एह मशीन से ट्रेनन के सफाई में समय तs बचबे करी, पानियों के बचत होई।
कोच वाशिंग मशीन के लगावे में खरचो जादे नइखे। 26 हजार रुपिया में ई मशीन लगा दिहल गइल बा। महज सात मिनट में 24 कोच रेक पूरा तरे से क्लीन हो जाई। एह सिस्टम में ट्रैक के दुनो तरफ बड़ ब्रश लागल होला जवन ट्रेन गुजरला के संगही घूमत रहेला। ट्रेन गुजरला के बाद रेक के पूरा तरह से सफाई हो जाला।
एकर खासियत ई बा कि ई ट्रेन के टॉयलेट के निचिलो हिस्सा के जल्दी से जल्दी साफ कs देला। एकरा संगही ई एकरा के संक्रमण मुक्त करत बा। पहिले परंपरागत सफाई में अइसन ना हो पावत रहे। रेलवे के कोसिस बा कि एह इस तरह के ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट को लगभग सभी शेड में लगाया जाए ताकि पानी की बचत हो सके।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह बतवलें कि गोमतीनगर आ मंडुआडीह के बाद औड़िहार वाशिंग पिट में अत्याधुनिक वाशिंग मशीन लगवाल गइल बा। एकरा लाग गइला से ट्रेनन के धुलाई में समय के संगही पानियो के बचत होई।
ई फायदा बा
- धुलाई के बाद 80 फीसदी पानी रिसाइकल कs के दोबारा इस्तेमाल में ले आवल जा सकत बा।
- ट्रेनन के साफ-सफाई में 40 से 50 प्रतिशत पानी कम खर्च होई।
- मशीन ट्रेन के 24 बोगियन के 7 मिनट के अंदर साफ कs दी।
- ऑटोमेटिक के कारण ट्रेन के सफाई कर्मचारी ना लगावे के पड़ी।
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