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अवैध संबंध तलाक के आधार, लईका के की कस्टडी के ना: बॉम्बे HC बोलल- जरूरी ना महिला निम्मन पत्नी ना होखे तs निम्मन मां ना 

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बॉम्बे हाईकोर्ट कहलें कि पति-पत्नी के अवैध संबंध तलाक के आधार हो सकत बा, बाकिर लईका के कस्टडी ना देवे के ना। जस्टिस राजेश पाटिल के सिंगल बेंच 12 अप्रिल के एगो नौ साल के लईकी के कस्टडी ओकरा मां के सउपे के निरदेस देते ई टिप्पणी कइलस।

कोर्ट एगो शख्स के याचिका खारिज कs देलस, जेमे ऊ अपना बेटी के कस्टडी पत्नी के देवे खातिर फैमिली कोर्ट के आदेस के चुनौती देले रहे। याचिकाकर्ता के वकील इंदिरा जयसिंह कोर्ट से कहलें कि महिला के कइयन गो अवैध संबंध बा, एहिसे लईका के कस्टडी पिता के मिले के चाहीं।

एह पs कोर्ट कहलस कि जरूरी नइखे कि महिला निम्मन पत्नी नइखे तs ऊ निम्मन मां ना होखे। जस्टिस पाटिल कहलें कि लईकी नौ साल के बिया, जवन कि जुवावस्था से पहिले के उमिर बा। अइसन ममिलन में लईकी के अपना माई के संगे रहल ओकरा खातिर सही बा।

याचिकाकर्ता महाराष्ट्र के पूर्व विधायक के बेटा हवे। शख्स पेशा से IT प्रोफेशनल बा। ओकर पत्नी एगो डॉक्टर हई। दुनो के 2010 में बियाह भइल रहे। 2015 में ओह लोगन के बेटी के जन्म भइल। पत्नी 2019 में दावा कइली कि पति आ ससुरालवाला ओकरा के घर से निकाल दिहल लो आ ओकरा बेटी छीन लेलस।

महिला 2020 में पति आ ससुराल वालन के खिलाफ उत्पीड़न, मारपीट आ धमकी देवे के आरोप में शिकायत दर्ज करवले रहे। दूसरका तरफ, महिला के पति कहलस कि ऊ अपना मर्जी से घर छोड़ के गइल रहली।

पति क्रूरता के आधार पs पत्नी से तलाक के अर्जी दायर कइलस। फरवरी 2023 में फैमिली कोर्ट ने पत्नी को बच्ची की कस्टडी दे दी। बच्ची 24 फरवरी, 2023 से 9 फरवरी, 2024 तक लगभग एक साल अपनी मां के पास रही।

पति के दावा- मां के संगे रहला पs लईकी के बेहवार बदलल

शख्स 11 फरवरी, 2024 के वीकेंड पs बेटी के अपना संगे ले गइल, बाकिर मेहरारू के लगे वापस छोड़े ना आइल। ऊ बच्ची के कस्टडी के लेकर हाईकोर्ट के रुख कइलस। अपना याचिका में दावा कइलें कि बच्ची अपना मां के संगे खुश नइखे। ओकर बेहवार बदल गइल बा।

पति  पत्नी के अवैध संबंधन के हवाला देत कहलें कि बेटी के स्कूल से ओकरा दादी के ईमेल आइल बा। ऊ बच्ची के बदलते बेहवार के लेके चिंता जतवले रहे। एहिसे लईकी के हित पिता आ दादा-दादी के संगे रहला में बा।

बच्ची मां-नानी के संगे रहला पs पढ़ाई में अच्छा परफॉर्म कइलस 

एह पs हाईकोर्ट कहलस कि जब बच्ची के माता-पिता खुद एतना शिक्षित बा तs स्कूल दादी से संपर्क काहे कइलस। जस्टिस पाटिल कहलें कि पेशा से डॉक्टर महिला बेटी के सहूलियत खातिर ओकरा स्कूल के लगे घर लेले रहे।

एकरा अलावे बच्ची के देखभाल में ओकर नानी मदद करत रहली। मां आ नानी के संगे रहला के दौरान पढ़ाई-लिखाई आ एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में बच्ची के परफॉर्मेंस बहुत बढ़िया रहे। जस्टिस पाटिल पति के 21 अप्रैल तक बेटी के कस्टडी पत्नी के सउपे के निरदेस देले बाड़ें।

797390cookie-checkअवैध संबंध तलाक के आधार, लईका के की कस्टडी के ना: बॉम्बे HC बोलल- जरूरी ना महिला निम्मन पत्नी ना होखे तs निम्मन मां ना 

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