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अगर रउरा अपना के संतुलित राखे के बा त ध्यान करीं, एह सुख आ दुख के चलते हमनी के मन अशांत रहेला।

जिनगी में सुख-दुख आवत-जात रहेला। कठिन समय में मन के विचलित ना होखे खातिर मन के शांत आ एकाग्र राखल जरूरी बा। अगर मन शांत ना होखे त उल्टा समय में परेशानी अउरी बढ़ जाला। एकाग्रता आ शांति पावे खातिर हमनी के कुछ समय तक रोज ध्यान करे के पड़ेला। ध्यान से नकारात्मकता दूर हो जाला अउरी मन के शांत राखल जाला।

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अगर रउरा अपना के संतुलित राखे के बा त ध्यान करीं, एह सुख आ दुख के चलते हमनी के मन अशांत रहेला।

जिनगी में सुख-दुख आवत-जात रहेला। कठिन समय में मन के विचलित ना होखे खातिर मन के शांत आ एकाग्र राखल जरूरी बा। अगर मन शांत ना होखे त उल्टा समय में परेशानी अउरी बढ़ जाला। एकाग्रता आ शांति पावे खातिर हमनी के कुछ समय तक रोज ध्यान करे के पड़ेला। ध्यान से नकारात्मकता दूर हो जाला अउरी मन के शांत राखल जाला।

ध्यान से आदमी के जीवन भर जप करे के ताकत मिलेला, जवना के चलते विकार खतम हो जाला। ध्यान के गंभीरता आ गंभीर स्थिरता व्यक्ति के आसपास सकारात्मक स्थिति पैदा करेला। एह से क्रोध, काम, लोभ आ लगाव के बंधन से मुक्ति मिलेला। ध्यान से नकारात्मक भावना पे नियंत्रण के अभ्यास कइल जाला।

 

 

ध्यान का होला?

ध्यान एगो आराम ह। ई कवनो वस्तु पे अपना विचार के केंद्रित आ एकाग्रता ना ह, बलुक ई अपना में आराम पावे के प्रक्रिया ह| ध्यान करके हमनी के आपन कवनो काम एकाग्रता से पूरा कर सकेनी जा।

 

ध्यान के 5 फायदा होला

• शांति से मन के मन करेला

• बढ़िया एकाग्रता

• बेहतर स्पष्टता

• बेहतर संवाद के काम हो सकेला

• मन आ तन के कायाकल्प आ आराम

 

ध्यान के स्वास्थ्य लाभ 

ध्यान के चलते शरीर के आंतरिक कार्य में विशेष बदलाव होखेला अवुरी शरीर के हरेक कोशिका प्राणतत्व (ऊर्जा) से भरल रहेला। शरीर में प्रणत्व के बढ़ोतरी के संगे सुख, शांति अवुरी उत्साह के संचार भी बढ़ेला।

 

ध्यान के मानसिक लाभ

 

ध्यान से दिमाग के तरंग के पैटर्न अल्फा स्तर प पहुंच जाला, जवना से ठीक होखे के गति बढ़ जाला। दिमाग पहिले से ज्यादा सुंदर, नया आ कोमल हो जाला। ध्यान दिमाग के भीतरी रूप के साफ अवुरी पोषण करेला। जब भी रउरा बेचैन, अस्थिर आ भावनात्मक रूप से परेशान होखीं त ध्यान रउरा के शांत कर देला|

 

 ध्यान के आध्यात्मिक लाभ

ध्यान के कवनो धर्म नइखे आ कवनो विचारधारा के लोग कर सकेला| हम कुछ हईं के एह भाव के बिना कवनो मेहनत के अनंत में आत्मसात कइल आ अपना के अनंत ब्रह्मांड के अविभाज्य अंग मान के| ध्यान के अवस्था में रउआ सुख, शांति आ अनंत के विस्तार में बानी आ पर्यावरण के ई गुण देत बानी, एह तरह से रउआ प्रकृति के साथ सामंजस्य में स्थापित बानी।

 

 

 

477900cookie-checkअगर रउरा अपना के संतुलित राखे के बा त ध्यान करीं, एह सुख आ दुख के चलते हमनी के मन अशांत रहेला।

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