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2000 Rupee Note: आज से बदलल जाई 2000 के नोट, RBI कहलस- ना तs घबराई, ना जल्दबाजी करीं

2000 के नोट के चलन से बाहर करे के फैसला के बाद आरबीआई गवर्नर दास पहिला बेर कहलें, जवना लोगन के लगे बैंक खाता नइखे, बाकिर 2000 के नोट ना, ओकरो खातिर सबका लेखा नोट बदले के प्रक्रिया लागू होई। दास कहलें, लोग आश्वस्त रहे, पर्याप्त संख्या में मुद्रित नोट उपलब्ध बा।

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देस के सब बैंकन आ भारतीय रिजर्व बैंक के 19 क्षेत्रीय शाखा में आज माने मंगर से दु हजार रुपिया के नोट बदलल जाई। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कहलें, लोगन के लगे चार महीना के समय बा। आराम से बैंक जाई आ और नोट बदलीं घबराये के जरूरत नइखे। बैंकन के लगे पर्याप्त पईसा बा। दास कहलें, बैंकन के शाखा में भीड़ लगला के आशंका नइखे। नोट बदलवावे खातिर जल्दबाजी के जरूरत नइखे। ऊ लोगन से आग्रहो कइलें कि भीड़ मत लगाई। दास स्पष्ट कइलें, कारोबारी समेत कवनो संस्थान दु हजार के नोट लेवे से इन्कार नइखे कs सकत।

2000 के नोट के चलन से बाहर करे के फैसला के बाद आरबीआई गवर्नर दास पहिला बेर कहलें, जवना लोगन के लगे बैंक खाता नइखे, बाकिर 2000 के नोट ना, ओहू लोग खातिर सबका लेखा नोट बदले के प्रक्रिया लागू होई। दास कहलें, लोग आश्वस्त रहे, पर्याप्त संख्या में मुद्रित नोट उपलब्ध बा। आरबीआई आ बैंकन के करेंसी चेस्ट में पर्याप्त पईसा बा।

प्रभावित ना होई आर्थिक गतिविधि

लेन-देन में 2000 के नोट शायदे इस्तेमाल हो रहल बा। ई नोट प्रचलन में कुल मुद्रा के खाली 10.8% बा। एहिसे, एकरा वापस लेवे से आर्थिक गतिविधि प्रभावित ना होई। -शक्तिकांत दास, गवर्नर, रिजर्व बैंक

आगे का होई…30 सितंबर के कइल जाई फैसला

आरबीआई गवर्नर दास कहलें, नोट बदलला के समय सीमा 30 सितंबर एह खातिर तय कइल बा, जवना से एकरा के गंभीरता से लिहल जा सके। ना तs जमा करे भा बदले के प्रक्रिया निरंतर चलत रही। दास कहलें, 30 सितंबर के बाद का होई, एह पs अभी केहू जवाब नइखे दे सकत। एह दौरान अधिकांश नोट वापस आवे के उम्मीद बा। आगे के फैसला 30 सितंबर के होई।

दु हजार के नोटन के मकसद पूरा: दास कहलें, 2000 के नोट ले आवे के उद्देश्य पूरा हो गइल बा। तब मुद्रा के कमी पूरा करे खातिर एकरा के ले आवल गइल रहे। सिस्टम में पर्याप्त रकम हो गइल, तs 2018-19 से एकर छपाई बंद कs दिहल गइल।

पहिलहू भइल रहे वापसी: स्वच्छ नोट नीति के तहत आरबीआई नोटन को वापस लेत रहेला। 2013-14 में एकरा पहिले 2005 से पहिले के छपल नोट वापस लिहल गइल रहे।

छांह-पानी के रहे इंतजाम…आरबीआई बैंकन के निरदेस देले बा कि गरमी के देखत नोट बदलवावे आवे वाला उपभोक्ता लोगन खातिर छांह आ पानी के पूरा इंतजाम करे के संगही, नोटन के रोजाना हिसाब रखल जाव।

कालाधन सिस्टम में फेर आई?

दास कहलें, खातन में पईसा जमा करे भा नकद विनिमय के एगो तय प्रक्रिया बा। हमनी के अलगा से कवनो प्रक्रिया लेके नइखी सs आइल। 50 हजार से बेसी नकद जमा करे पs पहिलही के तरे पैन देखावे के होई। एक हजार के नोट जारी करे के संबंध में दास कहलें कि ई बस अटकलबाजी बा। फिलहाल अइसन कवनो प्रस्ताव नइखे।

2016 जइसन इस्थिति तs ना होई?

अबकी बेर 2016 जइसन हालात ना होई। तब देस के 86% मुद्रा रातो रात चलन से बाहर कs दिहल गइल रहे। दास कहलें, अइसन लोग जे लमहर समय से बिदेस यात्रा पs बा भा वर्क वीजा पs बिदेस में रह रहल बा, आरबीआई ओह लोगन के कठिनाइयन के प्रति संवेदनशील बा।

बिना आईडी प्रूफ आ फॉर्म भरले जमा कइल जा सकी नोट

देस के सबसे बड़ बैंक एसबीआई कहले बा कि ग्राहक दु हजार के नोट बिना कवनो आईडी प्रूफ आ फॉर्म भरले बैंक के अलग-अलग शाखा से बदलवा सकी। एसबीआई कहलस कि 20 हजार कीमत तक के नोट बिना आईडी प्रूफ के बदलवावल जा सकी। एकरा पहिले दावा कइल जा रहल बा कि दु हजार के नोट बदलवावे खातिर आईडी प्रूफ, आधार कार्ड देखावे के संगही एगो फॉर्म भरे के होई।

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