गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध सेल्फ फाइनेंस कॉलेजन में छात्रन के संख्या में भारी गिरावट से एह संस्थानन के आर्थिक हालत पs गंभीर असर पड़ल बा। छात्रन के संख्या में कमी के कारण कइयन गो कॉलेज भा तs बंद हो चुकल बा भा बंद होखे के कगार पs बा। कुछ कॉलेजन के हालात एतना खराब हो गइल बा कि एडमिशन बंद कs दिहल गइल बा।
जॉब-ओरिएंटेड कोर्सेज आ इंफ्रास्ट्रक्चर में पिछड़ला से संचालन पs मंडराइल खतरा
न्यू एजुकेशन पॉलिसी के लागू होखला के बाद सुरू भइल नया पाठ्यक्रमन के संगे तालमेल न बिठा पवला के वजह से कॉलेजन के संचालन मुश्किल होत जा रहल बा। एकरा अलावे, जॉब-ओरिएंटेड कोर्सेज में इंफ्रास्ट्रक्चर आ कोर्स डिजाइन के लेके कॉलेज समय के संगे खुद के अपग्रेड नइखे कs पवले सs, जवना से ओकनी के साख आ संचालन पs संकट मंडरा रहल बा। बढ़त एजुकेशन कास्ट आ सुविधन के कमी छात्रन के कॉलेजन से दूर कs देले बा, जवना से लगातार कॉलेजन के बंद होखल जारी बा।
13 कॉलेजन में ना मिलल एको छात्र
डीडीयू से संबद्ध 13 सेल्फ फाइनेंस कॉलेजन में एह सत्र में एको छात्र एडमिशन खातिर ना मिलल। एह इस्थिति के चलते पांच कॉलेज पूरा तरे बंद हो चुकल बा, जबकि पांच आउर कॉलेजन के ओर से संबद्धता समाप्त करे खातिर आवेदन कइल गइल बा। तीन कॉलेज अइसन बा जवन पिछला कुछ बरिसन में एको गो नया एडमिशन नइखे लेले।
कॉलेज बंद कइल बनल अंतिम विकल्प
न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू होखला के बाद, कॉलेजन पs इंफ्रास्ट्रक्चर आ कोर्सेज के मॉडिफाई करे के दबाव बढ़ गइल। बाकिर छोट आ कम छात्र संख्या वाला कॉलेज खुद में बदलाव के बजाय बंद कइल उचित समझली सs। पॉलिसी के तहत लैब्स आ आउर सुविधन के अपग्रेड करे के लागत एतना जादे हो गइल कि ई कॉलेज आर्थिक रूप से एकरा के वहन ना कs पइली सs। छात्रन के कम संख्या आ फीस से होखे वाली आमदनी में भारी कमी एह संकट के आउर गहिराह कs देलस, जवना से कॉलेज बंद कइल अंतिम विकल्प बन गइल।
टेक्निकल कोर्सेज के कमी बनल बड़ वजह
आज के दौर में, रोजगार के प्रतिस्पर्धा के चलते छात्र पारंपरिक कोर्सेज के बजाय तकनीकी कोर्सेज के ओर जादे रुझान दिखा रहल बा लो, जहां ओह लोगन के आसानी से नौकरी आ अच्छा पैकेज मिल सकत बा। हालांकि, सेल्फ फाइनेंस कॉलेजन में जादेतर पारंपरिक कोर्स चलावल जा रहल बा, जवना से छात्रन के संख्या में भारी कमी देखल जा रहल बा।
कॉलेजन के बंद होने के मुख्य कारण:
• टेक्निकल कोर्सेज के अभाव
• फीस में लगातार बढ़न्ती
• टीचर्स के अनियमितता आ वेतन ना मिल पावल
• असाइनमेंट आ प्रोजेक्ट के बढ़त दबाव
• इंफ्रास्ट्रक्चर के कमी
• सेमेस्टर सिस्टम के बढ़त बोझ
• छात्रन के घटत संख्या
ई कॉलेज हो चुकल बा बंद:
• बाबू सुरेंद्र सिंह महाविद्यालय, कुशीनगर
• ज्ञान भारती महिला महाविद्यालय, कुशीनगर
• बच्ची देवी महिला महाविद्यालय, पाण्डेयपार, कौड़ीराम
• प्रज्ञा महिला महाविद्यालय, नरचोचवा, कुशीनगर
• प्रभा देवी महिला महाविद्यालय, मानीराम
संबद्धता समाप्त करे खातिर आवेदन करे वाला कॉलेज:
• परमेश्वर पांडेय महाविद्यालय, मेडिकल कॉलेज रोड
• बौद्धिष्ट डिग्री कॉलेज, सहजनवां
• डॉ. श्याम नारायण राय महाविद्यालय, बनकटा, गोला
• डॉ. राम मनोहर लोहिया डिग्री कॉलेज, सवरांव, देवरिया
• दुलारी देवी डिग्री कॉलेज, बिंदवरिया, देवरिया
नया एडमिशन पs रोक लगावे वाला कॉलेज:
• सरस्वती देवी महिला महाविद्यालय, कैम्पियरगंज
• बीर बहादुर सिंह महिला महाविद्यालय, पीपीगंज
• नेताजी सुभाष चंद्र बोस महाविद्यालय, पिपराइच रोड
न्यू एजुकेशन पॉलिसी आ बढ़त इंफ्रास्ट्रक्चर लागत के कारण कॉलेजन के संचालन अब कठिन हो चलल बा। विश्वविद्यालय प्रशासन के एह संकट पs ध्यान देवे के होई आ कॉलेजन के सहारा देवे खातिर नया रणनीति तइयार करे के होई।
साभार: दैनिक भास्कर