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जागला के सबसे बढ़िया समय : आयुर्वेद के मुताबिक सबेरे उठला के इ सबसे निमन समय होला, जदी आप एकर आदत बना लेब त बेमारी ना होई

हिन्दू पवित्र ग्रंथन के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में जागल सबसे बढ़िया बा। आयुर्वेद के विशेषज्ञ लोग के कहनाम बा कि, जदी एतना जल्दी ना जाग पवनी त सूर्योदय से पहिले चाहे सूर्योदय के संगे जागे के कोशिश करीं।

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जागला के सबसे बढ़िया समय : आयुर्वेद के मुताबिक सबेरे उठला के इ सबसे निमन समय होला, जदी आप एकर आदत बना लेब त बेमारी ना होई

हिन्दू पवित्र ग्रंथन के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में जागल सबसे बढ़िया बा। आयुर्वेद के विशेषज्ञ लोग के कहनाम बा कि, जदी एतना जल्दी ना जाग पवनी त सूर्योदय से पहिले चाहे सूर्योदय के संगे जागे के कोशिश करीं।

हमनी के बुजुर्ग लोग अक्सर कहेला कि सबेरे सबेरे उठे के चाहीं। जल्दी उठला से तन अउरी दिमाग दुनो स्वस्थ रहेला। ई बात सोलह आना साँच बा। बाकिर हमनी के एह बात से भी इनकार ना कर सकीं जा कि केहू अपना स्वभाव आ तन-मन के नियम के हिसाब से जाग सकेला। त अइसन स्थिति में ई समझल बहुत मुश्किल बा कि जागल के कवन समय सबसे बढ़िया बा।

 

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसर के कहनाम बा कि आज भी हमनी के बुजुर्ग लोग सूरज उगते आ ओकरा से पहिले भी आपन दिन शुरू करेला। ओह लोग के लागत बा कि एहसे ऊ लोग दिन भर अउरी ऊर्जावान आ प्रकृति के चक्र के तालमेल में महसूस करी| लेकिन इ जरूरी नईखे कि सबके संगे इ संभव होखे । डॉ. भावसर हालही में अपना इंस्टाग्राम पर एगो पोस्ट शेयर कइले बाड़न| जवना में उ सबेरे उठे के सही समय के बारे में बतवले बाड़े।

 

ब्रह्म मुहूर्त में जागल ही बढ़िया बा

आपन पोस्ट शेयर करत उ लिखले बाड़न कि हमनी के बुजुर्ग लोग हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में जागे के सलाह देत रहे। ब्रह्म मुहूर्त एगो शुभ अवधि ह, जवन सूर्योदय से 1 घंटा 36 मिनट पहिले शुरू होके ओकरा से 48 मिनट पहिले खतम हो जाला। एह समय जागला पर आदमी अपना के फिट आ फुर्तीला महसूस करेला|

काहे ब्रह्म मुहूर्त ? 

ब्रह्म मुहूर्त में जागला से हमनी के कई तरह से मदद मिलेला-

 

• एह समय जागल आ ध्यान कइला से ज्ञान के प्राप्ति होला।

 

• याददाश्त अउरी एकाग्रता में सुधार खातीर जागला खातीर इ समय बहुत बढ़िया बा।

 

• एह समय जागल मानसिक स्वास्थ्य में सुधार खातिर बढ़िया मानल जाला। काहे कि एह घरी माहौल शांत आ शुद्ध होला|

 

• ब्रह्म मुहूर्त में जागल आपके मानसिक ध्यान अउरी एकाग्रता के मजबूत करे खातीर बहुत फायदेमंद होखेला।

 

• ध्यान करे, आध्यात्मिक किताब पढ़े आ व्यायाम करे के ई सबसे बढ़िया समय होला।

त कब जागल जाव

ब्रह्म मुहूर्त से सूर्योदय के बीच कवनो समय जागल बहुत बढ़िया बा। एह समय प्रकृति में सात्विक गुण होला। एह से मन के शांति मिलेला आ इंद्रियन के ताजगी मिलेला। एही से सूरज उगला से पहिले उठल बहुत बढ़िया होला। अगर सूर्योदय से पहिले ना जाग पवनी त सूर्योदय के संगे जागे के कोशिश करीं। लेकिन सूरज उगला के बाद गलती से भी ना जागी।

 

 

सबेरे जागल के समय

मौसम के हिसाब से सूर्योदय भी बदलत रहेला। एकरा के ध्यान में राखत अपना मूल स्वभाव, मन आ तन के प्रवृत्ति के हिसाब से जागल जाव| बताईं कि आयुर्वेद में शरीर के तीन प्रकार के मानल जाला। वात, पित्त अउर कफा।

वत्स खातिर – सूर्योदय से 30 मिनट पहिले

पित्त – सूर्योदय से 45 मिनट पहिले

कफा खातिर – सूर्योदय से 90 मिनट पहिले

 

देर से सुते वाला आ तनाव में रहे वाला लोग समय 

वत्स खातिर – सबेरे 7 बजे तक

पित्त खातिर – सबेरे साढ़े छह बजे से पहिले

कफा खातिर – सबेरे 6 बजे से पहिले जाग सकेला

 

सबेरे उठे के कोशिश करीं

आजकल लोग के जिनगी व्यस्तता से भरल बा। रात में भी लोग चैन से नींद ना पावेला। बहुत लोग अईसन होखेला, एहसे देर रात तक काम करेले। एही से ब्रह्म मुहूर्त में जागल शायद ओह लोग खातिर संभव ना होई| सबेरे 6:30 बजे से 7 बजे के बीच जागे के कोशिश करे के चाही।

 

सूर्योदय के साथ जागल स्वास्थ्य खातिर कईसे फायदेमंद होला

• सूरज से पहिले भा सूरज के संगे जागल आपके ऊर्जा, सकारात्मकता से भर जाला।

• ए समय जागल आपके मानसिक अउरी शारीरिक स्वास्थ्य खातीर बहुत फायदेमंद होखेला।

• ई कवनो भी व्यक्ति के जैविक घड़ी के नियंत्रित करेला।

• सूर्योदय के संगे जागला से पाचन, अवशोषण अउरी आत्मसात होखे में मदद मिलेला।

• सूरज के संगे आ ओकरा से पहिले जागल बहुत जरूरी बा ताकि जीवन में आत्मसम्मान, अनुशासन, शांति, सुख अउरी लंबा उम्र होखे।

 

 

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