डायबिटीज 2022 में दुनियाभर में 82.8 करोड़ लोगन के आपन शिकार बनवलस। एमे एक चौथाई भारतीय बा लो। विश्व मधुमेह दिवस पs जारी लैंसेट के रिपोर्ट में इहो बतावल गइल कि 2022 में भारत में करीब 21.2 करोड़ लोग एकरा से पीड़ित रहे। एनसीडी-आरआईएससी के मोताबिक, साल 1990 के आंकड़न के तुलना में डायबिटीज के मरीजन के संख्या चार गुना जादे बढ़ल बा। एमे कम उमिर लोगन के ममिलन में सबसे जादे बढ़त भइल बा।
नवहन के बढ़त संख्या
दुनियाभर में 30 आ ओकरा से जादे उमिर के 44.5 करोड़ नवहा अइसन बा लो जे डायबिटीज से ग्रसित होखला के बाद उचित उपचार नइखे करवा पा रहल लो। अध्ययन के अनुसार 2022 में दुनियाभर में 18 बरिस से जादे आयु वर्ग के लगभग 82.8 करोड़ लोग टाइप1 आ टाइप2 डायबिटीज से पीड़ित रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पहिले अनुमान लगावल रहे कि लगभग 42.2 करोड़ लोगन के पुरान बीमारी के कारण इलाज ना मिलला के कारण एकर आंकड़ा बढ़ल बा।
अध्ययन में भइल खुलासा
अध्ययन में कहल गइल बा कि 1990 के बाद से डायबिटीज के वैश्विक दर लगभग सात फीसदी से बढ़के 14 फीसदी हो गइल बा। एमे निम्न आ मध्यम आय वाला देसन में डायबिटीज के ममिलन में सबसे जादे बढ़न्ती भइल बा।
भारत के डाटा पs उठल सवाल…
लैंसेट के रिपोर्ट में भारत में 21 करोड़ से जादे मधुमेह रोगी होखला के दावा पs विशेषज्ञ सवाल उठा रहल बा लो। दरअसल, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के हालिया अध्ययन के अनुसार भारत में 2023 में 10.1 करोड़ मधुमेह रोगी बा लो। आईसीएमआर के आंकड़न के अनुसार प्री डायबिटीक लोगन के संख्या 13 करोड़ से जादे बा।