शरणार्थियन के बोझ से दब रहल बा मिजोरम, म्यांमार के बाद अब बांग्लादेश के विस्थापित लोग घुसल
आर्थिक संकट से जूझ रहल मिजोरम के मुसीबत अउर बढ़ गइल बा। ऊ पहिले से म्यांमार के कुकी-चिन शरणार्थियन के बोझ से दबल रहे अउर एह साल बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाका (CHT) के विस्थापित लोग के तांता लाग गइल। एही बीच सीमा विवाद सुलझवले के ले के मिजोरम सरकार असम सरकार के संपर्क में बा।
बांग्लादेशी सेना अउर कुकी-चिन राष्ट्रीय सेना (केएनए) के विद्रोहियन के बीच सशस्त्र संघर्ष के बाद चटगांव पहाड़ी क्षेत्र के 300 से अधिक कुकी-चिन शरणार्थी लोग मिजोरम में शरण ले लिहले बा। मिजोरम में अब म्यांमार अउर बांग्लादेश के शरणार्थियन के संख्या बढ़ के 40 हजार से ज्यादा हो गइल बा।
मिजोरम के लोग के कुकी चिन लोग से जातीय संबंध ह। मिजोरम के जोरमथांगा सरकार कोविड-19 महामारी अउर राज्य के केंद्र सरकार से मिले वाले कर राजस्व अउर अनुदान में देरी के चलते गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहल बा।
केंद्र से नइखे मिलत राजस्व
वित्तीय संकट के कारण मिजोरम में सरकारी कर्मचारियों के वेतन अउर सेवानिवृत्त लोग के पेंशन के समय पs भुगतान में देरी हो रहल बा। हालांकि, राज्य सरकार के उम्मीद बा कि 2023 में केंद्र से ढेर धनराशि मिलला के बाद संकट के समाधान हो जाई।
असम के संगे अंतर राज्य सीमा विवाद हल करे के कोशिश जारी
मिजोरम असम के संगे अंतर-राज्य सीमा विवाद के हल कइले के प्रयासो कइलें, दूनों पक्ष एह मुद्दा पर अगस्त अउर नवंबर में बातचीत कइले रहे। दूनों राज्य के मुख्यमंत्री मामिला के सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझावे खातिर सितंबर में दिल्ली में बैठको कइले रहनें। दूनों पड़ोसी राज्यन के बीच पिछले साल सीमा संघर्ष भइल रहे। एहमें दूनों राज्य के पुलिस बल के बीच झड़प भइल रहे। एहसे असम के कम से कम 6 कर्मी अउर एगो नागरिक के मौत हो गइल रहे।
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