Amrit Vatika: आज से सुरू होई ‘मेरी माटी-मेरा देस’ अभियान, देसभर के पंचायतन के माटी से बनी अमृत वाटिका
'आजादी के अमृत महोत्सव' के तहत एह कार्यक्रम के समापन दिल्ली में 27 से 30 अगस्त के होई। देसभर के माटी के कलश 27 अगस्त के कर्तव्य पथ पs पहुंची। ओकरा बाद कर्तव्य पथ पs 'अमृत वाटिका' बनी।
‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तहत आज से ‘मेरी माटी-मेरा देस’ अभियान सुरू होई। 30 अगस्त तक सब पंचायतन आ ब्लॉक स्तर पs कार्यक्रम आयोजित कइल जाई। एकर समापन दिल्ली के कर्तव्य पथ पs होई। देसभर के पंचायतन के माटी से दिल्ली के कर्तव्य पथ पs ‘अमृत वाटिका’ बनी। ई स्वतंत्रता, एकता आ अखंडता में जोगदान देवे वाला नायकन के समर्पित ‘आजादी के अमृत महोत्सव स्मारक’ होई। एकरा अलावे गांवन में तालाबन के संरक्षण के मकसद से ओकेनी के किनारे देस आ कर्तव्य खातिर जान देवे वाला शहीदन के नाम पs स्मारक बनावल जाई।
संस्कृति मंत्रालय मंगर के एगो बयान में कहलस कि ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ 12 मार्च, 2021 के सुरू भइल आ पूरा भारत में आयोजित दु लाख से अधिक कार्यक्रमन के संगे एमे व्यापक सार्वजनिक भागीदारी देखल गइल। ‘मेरी माटी मेरा देस’ अभियान के हिस्सा के रूप में देस खातिर आपन प्राण न्यौछावर करे वाला वीरन के श्रद्धांजलि देवे खातिर 9 से 30 अगस्त तक गांव, ब्लॉक, राज्य आ राष्ट्रीय स्तर पs अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कइल जाई। समापन समारोह 30 अगस्त के कइयन गणमान्य व्यक्तियन के उपस्थिति में दिल्ली में कर्तव्य पथ पs आयोजित कइल जाई। बयान में कहल गइल बा कि वीरांगनन के स्मृति में ग्राम पंचायतन में ‘शिलाफलकम’ (स्मारक पट्टिका) स्थापित कइल जाई। ओह पs प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एगो संदेश आ क्षेत्र के ओह लोगन के नाम होई, जे देस खातिर आपन जिनगी लगा दिहल।
पीएम मोदी हाले में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में एह अभियान के घोषणा कइले रहस। संस्कृति मंत्रालय बयान में कहलस कि एह दौरान अमृत कलश यात्रा निकालल जाई। एकरा तहत देस के कोना-कोना से ले आवल गइल माटी से दिल्ली में ‘अमृत वाटिका’ बनावल जाई। ई अमृत वाटिका ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के प्रति सरकार के प्रतिबद्धता के प्रतीक होई।
पंच-प्रण समेत धरती बचावे खातिर 75 स्वदेशी पवधा लागी
एह दौरान आयोजित होखे वाला कार्यक्रम में विकसित भारत, गुलामी के हर सोच से मुक्ति, विरासत पs गरब, एकता आ एकजुटता आ नागरिकन के अपना कर्तव्य पालन के पंच प्रण के आह्वान कइल जाई। एकरा अलावे अपना गांव, पंचायत आ क्षेत्र आउर धरती के बचावे खातिर 75 स्वदेशी पवधा लगावल जाई।
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