अब बिहार के सरकारी स्कूल में शिक्षक छात्र खाती गदहा, उल्लू चाहे मंदबुधी जइसन आपत्तिजनक शब्द के इस्तेमाल ना कऽ पइहें। शिक्षा विभाग एह मामला में सरकारी शिक्षक खातिर कड़ा दिशा-निर्देश जारी कइले बा। एह संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार सभ जिला के जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश जारी कऽ के कहले कि स्कूल में छात्र के नांव के मजाक उड़ावल चाहे ओकरा के तुड़-मरोड़ के कहे पऽ रोक लगावल जाई।
आत्मसम्मान के चोट पहुँचेला
कई बेर स्कूल में शिक्षक आ विद्यार्थी लइकन खातिर उपनाम रखेलें, जइसे कि पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थी के गदहा भा उल्लू कहल जाला, कमजोर याददाश्त वाला विद्यार्थी के मंदबुद्धि कहल जाला। एकरा अलावे कुछ शिक्षक लइकन के नांव के विकृत कऽ देले। जइसे आलोक को आलोकवा आदि। एहसे विद्यार्थियन के आत्मसम्मान पऽ चोट आवेला आ ओह लोग के शैक्षणिक क्षमता पऽ प्रतिकूल असर पड़ेला। शिक्षा विभाग अब एह शब्दन पऽ पूरा तरह से रोक लगावे के निर्देश दे दिहले बा।
कमजोर विद्यार्थी मॉनिटर बनावल जइहें
एकरा संगे-संगे खाली पढ़ाई में उज्ज्वल छात्र के ना बलुक कमजोर छात्र के सरकारी स्कूल में मॉनिटर बनावल जाई। मॉनिटर के चयन रोटेशन विधि से कइल जाई। जवना के चलते हर महीना एगो तेज छात्र अउरी फेर कमजोर छात्र के मॉनिटर बने के मौका मिली। मॉनिटर स्कूल ना आवे वाला छात्र से संपर्क कऽ के स्कूल आवे खाती प्रोत्साहित करी, जबकि क्लास ब्रेक (टिफिन टाइम) में स्कूल छोड़े वाला छात्र पऽ रोक लगा दिहल जाई।