पहिला छाप साहित्य उत्सव के तइयारी पूरा, साहित्य प्रेमियन के जुटान आउर बतकही से जमी महफिल

Share

सरायकेला। साहित्य कला फाउंडेशन आ सरायकेला खरसावां प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में 18 एवं 19 अक्टूबर को आयोजित हो रहल छाप साहित्य उत्सव में साहित्य, सिनेमा, संगीत आउर कविता जगत के नामचीन हस्तियन के जमावड़ा होई। आयोजन के लेके तइयारी पूरा कs लिहल गइल बा।

18 आ 19 के आयोजित होई पहिला छाप साहित्य उत्सव, जुटी दिग्गजन के भीड़ 

11 सत्रन से सजल रही दूसरका दिन

दूसरका दिन माने 19 अक्टूबर के कुल 11 अलग-अलग विषयन पs सत्र आयोजित होई। सबेरे 10:30 बजे से 11:00 बजे नृत्य में लोकगीत का उत्सव: लय में कला और एथेलेटिक्स का संतुलन विषय आधारित पहिला सत्र होई। एमे पैनलिस्ट के भूमिका में तपन कुमार पटनायक आउर संचालक के भूमिका में शहीद अनवर और मीनाक्षी शर्मा के मवजुदगी रही। दूसरका सत्र के विषय ग्रामीण भारत में शिक्षा आ शिक्षकों की चुनौतियां बा। एमे पैनलिस्ट के भूमिका में पुष्पेश पंत आ चंद्रहास चौधरी आउर संचालक के भूमिका में शहीद अनवर और मीनाक्षी शर्मा के मवजुदगी रही। अपने समय की कहानियां और निष्पक्षता की चुनौतियां संदर्भ: अमार गल्पो अमार समयों विषयक तीसरका सत्र में पैनलिस्ट के रूप में प्रबल कुमार बसु आ संचालक के रूप में डॉ. संचिता भुई सेन के मवजूदगी रही।

साहित्य में आदिवासी संस्कृति एवं रीति-रिवाजों का चित्रण विषय आधारित चउथका सत्र में पैनेलिस्ट के महादेव टोप्पो आ हांसदा सोवेन्द्र शेखर रही लो। एह सत्र के संचालन के जिम्मेदारी पार्वती तिर्की के होई। पांचवां सत्र के विषय “अभिनय और अभिनेता का मूल- अध्यात्म” संदर्भ: अभिनय, अभिनेता और अध्यात्म बा। एमे पैनलिस्ट के भूमिका में अखिलेन्द्र मिश्र आ संचालक के भूमिका में सत्य व्यास रही लो।

भोजन अवकाश के बाद आत्मकथाओं में प्रमाणिकता बनाम आत्मावलोकन की ईमानदारी संदर्भ: बोरसी पर आंच विषयक छठा यतीश चौधरी आ नवीन चौधरी परिचर्चा करी लो। साहित्य के विमर्श युग में हाशिए पर खड़ा दिव्यांगता विमर्श संदर्भ: तुम्हारी लंगी विषयक सातवां सत्र में कंचन सिंह चौहान आ डॉ. क्षमा त्रिपाठी वार्तालाप करी लो। आठवां सत्र में मृत्युंजय कुमार सिंह आ डॉ. एम के पांडेय जड़ों से जुड़ने की छटपटाहट और गिरमिटिया समाज की पीढ़ियों का रूदन संदर्भ: गंगा रतन बिदेसी पs आपन विचार साझा करी लो।

समावेशी संस्कृति में शास्त्रीय संगीत का योगदान संदर्भ: गूंगी रुलाई का कोरस विषयक नवां सत्र में रणेन्द्र आ डॉ. सुधीर सुमन के वार्तालाप होई। दसवां सत्र में ग्रामीण भारत में पुस्तकालय – सुदृढ़ लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त विषय पs संजय कश्यप आ अक्षय बहिबाला के शाहिद अनवर आ मीनाक्षी शर्मा से बातचीत होई। ग्यारहवां आ आखिरी सत्र में स्वामी विवेकानंद का पूर्णपाठ आधारित अखिलेंद्र मिश्र के एकल नाट्य प्रस्तुति होई। एह सत्र के संचालन शाहिद अनवर आ मीनाक्षी शर्मा करी लो।

Share this article

Facebook
Twitter X
WhatsApp
Telegram
 
- Sponsored Ads-