गोरखपुर: तारामंडल क्षेत्र में सौ मीटर लंबा पुल बनाई जीडीए, 11 से 17 मीटर होई चौड़ा

कुमार आशू

गोरखपुर जिला के रामगढ़ताल-नौकायन मार्ग से देवरिया बाईपास रोड के कनेक्विटविटी बढ़ावे खातिर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) तारामंडल क्षेत्र में एक पुल बनावे के निर्णय कइले बा। ई पुल बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह के पीछे स्थित वाटर बॉडी पर बनावल जाई। निर्माण पर करीब पांच से सात करोड़ के खर्चा अइले के उम्मीद बा।

एह पुल के बन गइले से रामगढ़ताल से सटल कॉलोनी के लोग अउर रामगढ़ताल-नौकायन मार्ग से आवे वालन के देवरिया बाईपास पहुंचे खातिर एगो अउर सड़क के विकल्प मिली। पहिले नौकायन से वाणिज्य कार्यालय होत या फिर नौकायन से बौद्ध संग्रहालय होत देवरिया बाईपास मार्ग पर पहुंचले के विकल्प रहल।

दरअसल, 42 एकड़ में फइलल वाटर बाडी पूरे तारामंडल क्षेत्र के दू हिस्सा में बांटेला। योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह के पीछे रास्ता वाटर बॉडी के वजह से बंद हो जाला। अब जीडीए इहां करीब 100 मीटर लंबा पुल बनवले के प्रस्ताव तैयार कइल गइल बा अउर सेतु निगम के निर्माण के जिम्मेदारी बा। एहपर आवे वाला खर्चा जीडीए वहन करी।

प्राधिकरण के देखरेख में ही ई पुल बनावल जाई। दू लेन बने वाले एह पुल के चौड़ाई 11 से 17 मीटर चौड़ा होई। पुल बन गइले के बाद योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह के पीछे से वाटर बॉडी के पार कs के सीधे वसुंधरा एन्क्लेव के पास निकल सकी।

उहां से वाणिज्य कर विभाग होत देवरिया बाईपास पहुंचल जा सकी। नौकायन पर, महंत दिग्विजयनाथ पार्क में या सर्किट हाउस में कौनो वीआइपी कार्यक्रम होखले के दशा में यातायात विभाग के मार्ग परिवर्तन के एगो विकल्प भी मिली।

जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर कहलें कि बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह के पीछे कारपोरेट पार्क के पास वाटर बॉडी पर प्राधिकरण एगो पुल के निर्माण कराई। एसे दू हिस्सन में बंटल तारामंडल क्षेत्र आपस में जुड़ सकी अउर देवरिया बाईपास तक पहुंचे खातिर एगो वैकल्पिक मार्ग भी मिली।

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