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गोरखपुर शहर के बदली सुरत, चिलुआताल, सुमेर सागर, राप्ती रिवर फ्रंट के विकास करी GDA

गोरखपुर जिला के प्रमुख जगहन के विकास करके शहर के तस्वीर बदलल जाई। जीडीए के बोर्ड मीटिंग में ए प्रस्ताव के ग्रीन सिग्नल मिलल। पर्यटन के नजरिया से जिला में विकास के काम कइल जाई| पर्यटन विभाग से मंजूरी मिलला का बाद काम कइल जाई|

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गोरखपुर शहर के बदली सुरत, चिलुआताल, सुमेर सागर, राप्ती रिवर फ्रंट के विकास करी GDA

गोरखपुर जिला के प्रमुख जगहन के विकास करके शहर के तस्वीर बदलल जाई। जीडीए के बोर्ड मीटिंग में ए प्रस्ताव के ग्रीन सिग्नल मिलल। पर्यटन के नजरिया से जिला में विकास के काम कइल जाई| पर्यटन विभाग से मंजूरी मिलला का बाद काम कइल जाई|

गोरखपुर: गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के ओर से चिलुआताल, सुमेर सागर ताल अउरी राप्ती रिवर फ्रंट के पर्यटन के नजरिया से विकसित कईल जाई। पर्यटन विभाग से मंजूरी मिलला का बाद जीडीए बोर्ड एह काम के करावे पे सहमत हो गइल बा| एह क्षेत्रन के विकास के बाद रोजगार के अवसर भी पैदा होई। विकास के ए काम में करोड़ों रुपया खर्च होई।

 

रामगढ़ताल के जीडीए विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित क रहल बा। एकरा संगे ताल सुमेर सागर के विकास खातीर कार्य योजना भी तैयार कईल गईल बा। इहाँ विकास के काम शुरू करे से पहिले हाईकोर्ट अउरी सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामला के भी ध्यान राखल जाई। एकर अवलोकन के बाद ही काम शुरू कईल जाई। चिलुआतल में विकास के काम पहिलही से चल रहल बा। जीडीए जवना संगठन के ओर से काम हो रहल बा ओकरा संगे तालमेल से काम करी। पर्यटन के नजरिया से भी एह इलाका में भूमि उपयोग के निर्धारण कइल गइल बा।

यूपीसीआईडीए के जमीन से नक्शा पास करावे में कवनो दिक्कत ना होई

अब उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीआईडीए) के जमीन से नक्शा पास करावे में कवनो दिक्कत ना होई। शहर क्षेत्र के प्रमुख जमीन यूपीसीआईडीए के ह। नक्शा के आसपास के इलाका में भी निर्माण खातिर पास ना हो पावल। ऊ क्षेत्र यूपीसीआईडीए में भी लउकेला। यूपीसीआईडीए के क्षेत्र के मास्टर प्लान 2031 में चिन्हित कईल गईल बा। अब एह इलाका से जवन नक्शा आवेदन आई ओकरा के आसानी से जांचल जा सकेला कि संबंधित इलाका यूपीसीआईडीए में बा कि ओकरा से बाहर| जवन इलाका बाहर बा ओकर नक्शा पास हो जाई। आवासीय जमीन के इस्तेमाल होई।

 

नक्शा पेश करत ही जीडीए सीसीटीवी कैमरा लगावे के प्रेरित करी

गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) नक्शा के लेके बड़ बदलाव करे जा रहल बा। निर्माण खाती नक्शा पेश करेवाला लोग के सीसीटीवी कैमरा लगावे खाती प्रेरित कईल जाई। मैप एप्लीकेशन के संगे कैमरा इंस्टॉल करावे के वैकल्पिक शर्त भी जोड़ल जाई। एकरा पीछे जीडीए के मकसद सुरक्षा खातिर जवन उपाय होखे वाला बा ओकरा में सहयोग कइल बा| अगर सगरी गली में कैमरा बा त कवनो अप्रिय घटना में शामिल बेकायदा तत्वन के पहचान कइल जा सकेला| जीडीए बोर्ड के बइठक में एह बिंदु पर सहमति लिहल गइल बा | जीडीए राज्य में अयीसन शर्त जोड़े वाला पहिला प्राधिकरण बन जाई।

 

अब तक नक्शा पास करत घरी सीसीटीवी कैमरा लगावे के शर्त खातिर कवनो मजबूरी नईखे। एडीजी जोन अखिल कुमार के ओर से ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत समाज के लोग के सहयोग से प्रमुख सड़क अवुरी चौराहा पे कैमरा लगावल गईल बा। एकरा से पुलिस के बहुत घटना के खुलासा में भी मदद मिलल बा। जीडीए सुरक्षा के एह काम में सहयोग करे खातिर एगो नया परंपरा शुरू करे के भी फैसला कइले बा।

जीडीए के उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह तंवर कहले कि लोग सीसीटीवी कैमरा लगावे खाती प्रेरित होईहे। एकरा खातिर नक्शा के आवेदन के दौरान एगो वैकल्पिक शर्त जोड़ल जाई। अगर लोग बाहर कैमरा लगाई त ना सिर्फ उनुकर सुरक्षा होई, बालुक उनुकर गली अउरी शहर के भी सुरक्षा होई। एकरा से पुलिस के बहुत सहयोग मिली अउरी अराजकता के तत्व में फंसला के डर पैदा होई।

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