Diwali 2024 : आज रौशनी आ खुशियन के महापरब दिवाली मनावाल जा रहल बा। एह साल दिवाली के तारीख के लेके बहुते असमंजस के इस्थिति रहल बा। कुछ जगहन पs आज तs कहीं काल्हो दिवाली मनावल जाई। हिंदू धरम में दीपावली सबसे प्रमुख त्योहारन में से एगो मानल गइल बा। हर कवनो आदमी के दिवाली के बेसब्री से इंतजार करत ना। देसभर में दिवाली के परब के बड़ धूमधाम के संगे मनावल जाला। दिवाली पs घरन के विशेष रूप से रौशनी आ दीयन से सजावल जाला आ अमावस्या के रात के धन, सुख आ समृद्धि के देवी माता लक्ष्मी के पूजन-अर्चना होत बा। धार्मिक मान्यता बा कि दिवाली के रात माता लक्ष्मी पृथ्वी लोक पs आवेला आ जवना घरन में बढ़िया साफ-सफाई, सजावट आ पूजा-पाठ होला, उहवां निवास करेली।
एह साल दिवाली के तारीख के लेके मतभेद काहे?
दिवाली एगो पांच दिन के त्योहार होला। धनतेरस से दिवाली के परब सुरू हो जाला आ भैया दूज पs समाप्त होला। हिंदू पंचांग के मोताबिक हर साल दिवाली के त्योहार कातिक महीना के कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि के मनावल जाला। बाकिर अबकी बेर कातिक अमावस्या तिथि दु दिन पड़ला के कारण दिवाली के त्योहार के लेके कुछ कंफ्यूजन के इस्थिति बनल बा कि दिवाली 31 अक्तूबर के मनावल जावs भा फेर 01 नवंबर के।
दिवाली हिंदू धरम के एगो प्रमुख त्योहार हs। जवना के दीपोत्सवो कहल जाला। ई त्योहार अन्हार पs अंजोर के विजय के परब बा। दिवाली पs धन आ समृद्धि के देवी महालक्ष्मी के विशेष पूजन करे के विधान होला। शास्त्रन में दिवाली पs महालक्ष्मी के पूजन अमावस्या तिथि पs प्रदोष काल आ इस्थिर लग्न में सबसे बढ़िया मानल गइल बा। प्रदोष काल के अलाव महानिशीथ काल में लक्ष्मी पूजन के विशेष महत्व होला। धार्मिक मान्यता के अनुसार माता लक्ष्मी के प्राकट्य अमावस्या तिथि के संध्याकाल में भइल बा। एह कारण से दिवाली के परब आ लक्ष्मी पूजन प्रदोषकाल आउर रात्रिकाल निशीथ काल में होला।
वैदिक पंचांग के मोताबिक अबकी बेर कातिक माह के अमावस्या तिथि 31 तारीख के दुपहरिया तीन बजके 52 मिनट से सुरू हो रहल बा आ ई तिथि एक नवंबर के सांझ छव बजके 16 मिनट पs समाप्त हो जाला। माता लक्ष्मी अमावस्या तिथि में प्रदोष काल आ निशिथ काल में भ्रमण करेली। एकरा कारण माता के पूजा प्रदोष काल आ निशीथ काल में करे के विधान होला।
पंचांग के मोताबिक 31 अक्तूबर, बियफे के दिन पूरा रात अमावस्या तिथि के संगे प्रदोष काल आ निशीथ मुहूर्त कालो बा। अइसन में शास्त्रन के अनुसार 31 अक्टूबर के दिन दिवाली के परब आ लक्ष्मी पूजन कइल सबसे जादे फलदाई होई, काहेकि दिवाली के परब तबे मनावला उत्तम रहेला जब प्रदोष से लेके निशिथा काल तक अमावस्या तिथि रहे।
बाकिर कुछ ज्योतिषाचार्यन आ पंडितन के तर्क बा कि जदि दिवाली पs सूर्योदय के बाद तीन प्रहर तक कवनो तिथि व्याप्त होखे तs उदयकाल में तिथि होखल मानल जाला आ ओहि काल में पूजा कइल शास्त्र सम्मत होला। अइसन में 01 नवंबर के अमावस्या तीन प्रहर के बा आ प्रदोष व्यापिनी बा। एह कारण से कुछ विद्वान दिवाली 01 नवंबर के मनावे के सलाह दे रहल बा लो। आईं जानल जावs दिवाली पs कब से कब ले बा अमावस्या तिथि, प्रदोष काल, निशिथ काल आ उदया काल मुहूर्त..
- कार्तिक अमावस्या तिथि सुरू- 31 अक्तूबर के दुपहरिया 03:52 मिनट से।
- कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त- 01 नवंबर के सांझ 06:16 मिनट ले।
दिवाली 2024- प्रदोषकाल मुहूर्त
दिवाली पs देवी लक्ष्मी के पूजन प्रदोष काल (सूरज डूबला के बाद के तीन मुहूर्त) आ इस्थिर लग्न में कइल जाये के चाहीं। आम तौर पs हर साल दिवाली पs इस्थिर लग्न जरूर मिलेला। दिवाली पs जब वृषभ, सिंह, वृश्चिक आ कुंभ राशि लग्न में उदित होखे तब माता लक्ष्मी के पूजन कइल जाये के चाहीं काहेकि ई चारो राशि इस्थिर स्वभाव के होला। इस्थिर लग्न के समय मां लक्ष्मी के पूजा कइला से माता लक्ष्मी अंश रूप में घर में ठहरेली।
प्रदोष काल के समय हर दिन सूरज डूबला से 2 घड़ी माने 48 मिनट तक रहेला।। दिल्ली के समय अनुसार 31 अक्तूबर के सांझ पांच बजके 36 मिनट पs सूर्यास्त होला। 31 अक्तूबर के दुपहरिया तीन बजके 52 मिनट से अमावस्या सुरू हो चुकल होई आ प्रदोष काल अमावस्या तिथि पs रही। अइसन में 31 अक्तूबर के सांझ पांच बजके 36 मिनट के बाद दिवाली लक्ष्मी पूजन सुरू कs दीं।
ओहिजा दूसरका तरफ 01 नवंबर के सांझ 06 बजके 16 मिनट तक अमावस्या तिथि रही आ सूर्यास्त 05 बजले 36 मिनट पs होई। एह तरे 01 नवंबर के प्रदोष काल आ अमावस्या तिथि व्याप्त रही। माने एक नवंबर के सांझ पांच बजके 36 मिनट से लेके अमावस्या तिथि के समापन 06 बजके 16 मिनट तक लक्ष्मी पूजन खातिर करीब 40 मिनट के सुभ मुहूर्त मिली एकरा बाद प्रतिपदा लाग जाई।
दिवाली 2024- निशिथ काल मुहूर्त
दिवाली पs लक्ष्मी पूजन खातिर सबसे बढ़िया मुहूर्त जहां प्रदोष व्यापिनी अमावस्या तिथि आ इस्थिर लग्न के मानल जात बा तs ओहिजा दिवाली के बीच रात के समय आवे वाला मुहूर्त महानिशीथ काल पs मां काली के पूजा के विधान होला। महानिशीथ काल में पूजा तांत्रिक, पंडित आ साधकन खातिर सबसे सर्वोत्तम मानल जाला।
दिवाली 2024- उदया काल तिथि आ मुहूर्त
हिंदू धर्म में जादेतर परब आ त्योहार के तिथियन के गणना उदया तिथि के आधार पs कइल जाला। उदया तिथि ओकरा के कहल जाला जब सूर्योदय के समय जवन तिथि व्याप्त होला। माने कवनो तिथि सूर्योदय के समय के बाद 3 प्रहर तक रहेला तs ओकरा के उदया तिथि कहल जाला। कातिक अमावस्या के उदया तिथि एक नवंबर के सूर्योदय के बाद 3 प्रहर तक रही। माने 01 नवंबर के अमावस्या तिथि में प्रदोष काल रही। माने 01 नवंबर के लक्ष्मी पूजन कइल कुछ विद्वान उचित मान रहल बा। कुछ विद्वानन के मत बा कि एक नवंबर के दिवाली चतुर्दशी से युक्त अमावस्या से जादे अच्छा प्रतिपदा से युक्त अमावस्या होला। एहिसे एक नवंबर के दिवाली मनावल जाये के चाहीं।
31 अक्तूबर के दिवाली- अधिकांश पंडितन आ विद्वानन के मत
ज्योतिष आ धर्म शास्त्रन के जादेतर विद्वानन के मानल बा कि दिवाली के पूजा आ दीपदान हमेसा अमावस्या के राते के कइल जाला। एहिसे दिवाली 31 अक्तूबर के मनावल जाये के चाहीं कि एक नवंबर के। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान राम के स्वागत कार्तिक कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि के रात के दिया जराके कइल गइल रहे। एकरा अलावे मां लक्ष्मी अमावस्या के रात के पृथ्वी पs भ्रमण करेला, एहिसे दिवाली 31 अक्तूबर के मनावल सही होई।
एक नवंबर के प्रदोष काल सवा तीन मुहूर्त से आगे नइखे आ एक नवंबर के ना तs निशीथ काल के मुहूर्त मिल रहल बा आ ना पूरा प्रदोष काल। संगही एक नवंबर के इस्थिर लग्न नइखे, एहिसे दिवाली 31 अक्तूबर के मनावल मुहूर्त आ शास्त्र सम्मत बा।
दिवाली लक्ष्मी पूजन सुभ मुहूर्त (31 अक्तूबर 2024)
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 06:45 से 08:30 ले
- अवधि – 01 घण्टा 45 मिनट
- प्रदोष काल – 05:48 से 08:21
- वृषभ काल – 06:35 से 08:33
- गोधूलि मुहूर्त- सांझ 05:36 से 06:02 तक
- संध्या पूजा- सांझ 05:36 से 06:54 तक
- निशिथ काल पूजा-रात्रि 11: 39 से 12: 31 तक
दिवाली लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त (01 नवंबर, 2024)
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 05:36 से 06:16
- अवधि – 00 घण्टे 41 मिनट
- प्रदोष काल – 05:36 से 08:11
- वृषभ काल – 06:20 से 08:15
दिवाली शुभ तिथि 2024
अमावस्या तिथि सुरू – 31 अक्तूबर शाम 03:52 से
अमावस्या तिथि समाप्त – 01 नवंबर शाम 06:16 तक
दिवाली निशिता काल पूजा मुहूर्त ( 01 नवंबर, 2024)
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त : कवनो ना
महानिशीथ काल : 23:38 से 24:30 तक (02 नवंबर)
सिंह काल : 24:52 से 27:10 तक (02 नवंबर)
(अमावस्या तिथि निशिता मुहूर्त के संगे व्याप्त नइखे।)
दिवाली लक्ष्मी पूजा सुभ चौघड़िया मुहूर्त 2024
- प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 06:33 से 10:42 ले
- अपराह्न मुहूर्त (चर) – 04:13 से 05:36 ले
- अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 12:04 से 01:27 ले
दिवाली लक्ष्मी पूजन सुभ मुहूर्त- नई दिल्ली
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 05:36 से 06:16
अवधि – 00 घंटा 41 मिनट
प्रदोष काल – 05:36 से 08:11
वृषभ काल – 06:20 से 08:15
दिवाली लक्ष्मी पूजन सुभ मुहूर्त- लखनऊ
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 05:23 से 06:16
अवधि – 00 घंटा 53 मिनट
प्रदोष काल – 05:23 से 07:58
वृषभ काल – 06:08 से 08:04
दिवाली लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त- कोलकाता
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 05:45 से 06:16
अवधि – 00 घंटा 31 मिनट
प्रदोष काल – 04:59 से 07:31
वृषभ काल – 05:45 से 07:44
दिवाली लक्ष्मी पूजन सुभ मुहूर्त- पटना
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 05:08 से 06:16
अवधि – 01 घंटा 08 मिनट
प्रदोष काल – 05:08 से 07:42
वृषभ काल – 05:53 से 07:50
दिवाली लक्ष्मी पूजन सुभ मुहूर्त- रांची
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 05:10 से 06:16
अवधि – 01 घंटा 06 मिनट
प्रदोष काल – 05:10 से 07:43
वृषभ काल – 05:56 से 07:54