दिवाली के दू दिन पहिले धनतेरस मनावे के परंपरा बा। एह दिन के भगवान धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जानल जाला धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक महीना के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि के सागर मंथन के समय धन्वंतरी जी के प्रकटीकरण भइल रहे। भगवान धन्वंतरी के देवता के वैद्य आ आयुर्वेद के देवता मानल जाला। धनतेरस के धनत्रयोदशी आ धन्वन्तरी त्रयोदशी के नाम से भी जानल जाला। धनतेरस के दिन धन्वंतरी जी के अलावा भगवान कुबेर देव आ माई लक्ष्मी के भी पूजा होला। धनतेरस के दिन इनकर पूजा करके व्यक्ति के परिवार स्वस्थ, समृद्ध आ खुशहाल रहेला। एह साल धनतेरस के परब 29 अक्टूबर 2024 मंगल के दिने मनावल जाई.
धनतेरस के दिन सोना, चांदी, जमीन, घर, नया कपड़ा, लक्ष्मी-गणेश के मूर्ति, चांदी के सिक्का, वाहन, बिजली के सामान, झाड़ू, नमक आ बर्तन खरीदल जाला। कहल जाला कि एह दिन कवनो नया चीज खरीदला से 13 गुना अधिका मुनाफा मिलेला. तs आज जानीं कि धनतेरस के दिन लोग अधिकतम बर्तन काहे खरीदेला, एकरा पीछे का कारण अवुरी महत्व बा?
धनतेरस पs बर्तन काहे खरीदल जाला?
धार्मिक मान्यता के अनुसार सागर मंथन के समय जब भगवान धन्वंतरी प्रकट भइले तs उनका हाथ में कलश रहे। भगवान धन्वंतरी के हाथ में पीतल के घड़ा रहे, एही से धनतेरस के दिन बर्तन खरीदल सबसे बढ़िया मानल जाला। धनतेरस के दिन पीतल के बर्तन खरीदल बहुत फलदायी मानल जाला। कहल जाला कि धनतेरस के दिन पीतल के बर्तन खरीदला से कई गुना शुभ परिणाम मिलेला।
धनतेरस के दिन भुला के ना खरीदी इs चीज
*लोहा के सामान
*प्लास्टिक के चीज
*स्टिल के बर्तन
*एल्यूमिनियम के वस्तु
*नुकीली चीज
*कांच आ चीनी मिट्टी से बनल सामान
*काला रंग के कपड़ा