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पुण्यतिथि विशेष, मोती बीए: ऊ गीतकार जे कइले रहे हिंदी फिल्मन में भोजपुरी गानन के सुरुआत, लिखले रहलें नदिया के पार के गाना

फिलिम में भोजपुरी गाना आज से करीब 71 साल पहिलही आ गइल रहे। ओह फिलिम के नाव रहे नदिया के पार।

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बॉलीवुड फिलिम अपना गानन के वजह से चलल करेले। ई बात हर केहू जानेला। बाकिर ई बात बहुत कम लोगन के पता होई कि हिंदी फिलिम में भोजपुरी गाना आज से करीब 71 साल पहिलही आ गइल रहे। फिल्म रहे ‘नदिया के पार’ आ गाना लिखले रहस मोती बीए। एह फिल्म के सारा गाना तब खासा मशहूर भइल रहे। आज मोती बीए के पुण्यतिथि हs। मोती बीए मुम्बई में तब प्रसिद्ध गीतकार होखल करत रहले आ उनकर लिखल गाना शमशाद बेगम, रविन्द्र जैन, मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर आ महेंद्र कपूर गवले।

मोती बीए 1942 से 1952 के बीच लगभग 80 फिलिमन में गाना लिखले ऊ दिलीप कुमार के फिलिमन में गाना लिखलें आ उहो भोजपुरी में। मोती बीए जी बाकी फिलिमन में गाना हिंदी में लिखलें। मोती बीए 1946 में एगो भोजपुरी गीत लिखलें ‘काटे मोरा दिनवा गवनवा कब होई’।

मोती बीए जी

अइसे मिलल नदिया के पार

मोती बीए प्रख्यात अभिनेता अशोक कुमार आ फिल्मिस्तान के प्रोडक्शन संचालक शशिधर मुखर्जी के गाना सुनवले। ओह लोग के ई गीत एतना भाइल कि मोती जी के फिल्मिस्तान में नौकरी पs रख लेले। अशोक कुमार के निर्माणाधीन फिलिम ‘आठ दिन’ में एह गाना के माकूल सिचुएशन ना होखला के वजह से एकराb के दोसर फिलिम ‘एक कदम’ में फिल्मावल जाये के बात भइल।

फिल्म के एक्ट्रेस दमयंती साहनी के इंग्लैंड में अचानक मृत्यु के वजह से फिल्म पूरा ना हो सकल। एकरा बाद 1947 में किशोर साहू एगो फिलिम बनावे के सोचले आ ओकर डायलाग खुद छत्तीसगढ़ी में लिखलें। ऊ फिलिम के ग्रामीण टच देहल चाहत रहले। एकर आठ गाना मोती बीए लिखले आ सारा भोजपुरी में रहे। इहे फिलिम रहे नदिया के पार।

नदिया के पार फिलिम के पोस्टर

1948 में रिलीज भइल फिलिम 

फिलिम 1948 में परदा पs रिलीज भइल आ लोग पहिला बेर हिंदी फिल्म में भोजपुरी गाना सुनलें। तबतक भोजपुरी फिल्मन के निर्माणो सुरू ना भइल रहे। फिलिम में दिलीप कुमार आ कामिनी कौशल मुख्य भूमिका में रहे लो। एकर सारा गाना तब खूब सुनल गइल आ खास कs के भोजपुरी क्षेत्रन में तs अलगे धूम रहे।

फिलिम के चर्चित गानन में से एगो गाना रहे, ‘मोरे राजा हो ले चला नदिया के पार’, इहो गाना दिलीप कुमार आ कामिनी कौशल पs फिल्मावल गइल रहे। ई फिलिम मल्लाहन के जिनगी के कहानी रहे आ एमे वेशभूषा ओइसने रहे।

उत्तर प्रदेश में भइल रहे जनम

‘कठवा के नईया बनइहे रे मलाहवा’ जीवन दर्शन के बारे में बात करत बा। इहो गाना खूब चलल रहे। एह फिल्म के शरारत भरल गाना ‘दिल लेके भागा’ आदिवासी लोक शैली में फिल्मावल गइल रहे। ई गाना ललिता देवूलकर गवले रही। एह गाना में वेशभूषा आदिवासियन वाला रहे आ नृत्य शैलियो ओइसने रहे।

मोती बीए के जनम उत्तर प्रदेश के देवरिया के बरजी गांव में 1 अगस्त 1919 के भइल रहे। उनकर असली नाम मोती उपाध्याय रहे जवन ऊ बीएचयू से बीए कइला के बाद बदलके मोती बीए रख लेले रहस। मोती जी हिंदी, भोजपुरी, संस्कृत आ उर्दू चारो भाषा के अच्छा जानकार रहस आ एह चारो भाषा में लगातार लिखत रहस।

440860cookie-checkपुण्यतिथि विशेष, मोती बीए: ऊ गीतकार जे कइले रहे हिंदी फिल्मन में भोजपुरी गानन के सुरुआत, लिखले रहलें नदिया के पार के गाना

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1 Comment
  1. शान्ति उपाध्याय says

    बहुत ही सुंदर।।। सत् सत् नमन 🙏🙏🙏

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