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गूगल मैप के कमाल, 17 बरिस पहिले गायब भइल आदमी के परिवार से मिलवलस

घर के लोग एह आदमी के तेरवही कs देले रहे....

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Gwalior: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एगो अइसन आदमी मिलल बा जवन महाराष्ट्र से 17 बरिस पहिले गायब हो गइल रहे। बहुते खोजला के बादो जब कुछो पाता ना लाग सकल, तs घर के लोग ओह आदमी के तेरहवीं कs देले रहे। बाकिर अचके एह कहानी में ट्विस्ट आ गइल। साल 2005 में गायब भइल ई नवहा तकनीक के मदद से अपना परिवार के मिल गइल बा। एह मुलाकात में गूगल मैप के बहुते बड़ भूमिका बा।

 

स्वर्ण सदन आश्रम के संचालक विकास गोस्वामी बतवले कि रानु उनका 5 जून 2020 के रेलवे स्टेशन पs मिलल रहस। ऊ जादा कुछ ना बता पावत रहस। उनका मिरगी के दौरो पड़त रहे। एकरा बाद ऊ उनका के आश्रम लेके अइले आ इलाज करावल सुरू कइले। स्वर्ण सदन के आश्रम के काउंसलर कुलदीप बतवले कि रानु के मानसिक इस्थिति अब तनिका ठीक बा आ ऊ कव बेर नवलगांव बोलत रहेला। एकरा बाद हमनी के गूगल मैप पs हमनी के नवलगांव के खोजे के सुरू कs देनी सs।

छव महीना के लगातार मेहनत का बाद नवलगांव के अगरी-कगरी के इलाका के गांव के कुछ लोग के मोबाइल नंबर सर्च कइल गइल। एही बीचे कुलदीप के फोन महाराष्ट्र के राहू गांव में मोबाइल शॉप चलावे आला संदीप घुमारे के इहां लाग गइल। कुलदीप संदीप से नवलगांव का बारे में बतिया के उनका मोबाइल पs रानू के कुछ फोटो भेजले। एकरा बाद संदीप रानु के फोटुअन के अपना अगरी-कगरी सोसल-मीडिया पs वायरल कs देले। संजोग से ओह बेरा रानू के एगो रिस्तेदार नानकराम संदीप के लगही रहस।

संदीप उनका के रानू के फोटो देखवले तs ऊ चिन्ह लेले। एकरा बाद ग्वालियर में स्वर्ण सदन आश्रम से संपर्क कइल गइल। फेर रानू के लेवे उनकर बेटा आ समूचा परिवार आ गइल। जब रानू घर छोड़ के आइल रहस ओ बेरा उनका लईका के उमिर छवे बरिस रहे। 17 साल बाद जब अपना बाबूजी के सोझा सुनील आइल तs ओकर आंखिन से लोर झरे लागल। ओहिजा एतना बरिस के बाद अपना परिवार के लोगन के देख के रानूओ आप लोर ना राओक पाइल।

बतावल जा रहल बा कि रानू तान्या महाराष्ट्र के अमरावती के नवलगांव थाना के चिखलद में रहत रहस। रानू तान्या पेसा से किसान रहस आ मेहनत-मजूरी करत रहस। रानू के घर में माई पुनिया, 4 गो छोट भाई आ 3 गो बड़ बहिन रहे लो। बेटा सुनील तान्या बतवलस कि जब बाबूजी गायब हो गइनी तवना बेरा ओकर उमिर छव बरिस रहे। ऊ आगा बतवलस कि बाबूजी एक दिने अचके रात के कहीं चल गइनी। ओकरा बाद अगल-बगल के जगहन, जंगलन के संगे अमरावती आ महाराष्ट्र के कव गो हिस्सन में खोजल गइल रहे। ओ समे बाबूजी के दिमाग के हालात ठीक ना रहे। बाबूजी के दुख में अप्रिल 2017 में बाबा के निधन भइल, उनका तेरवहीं के संगही बाबूजी रानूओ के तेरहवीं संस्कार कs दिहल गइल रहे।

 

साभार- जनता से रिश्ता

 

 

 

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