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सेना के जवान तबे विकलांगता पेंशन के हकदार होई जब हादसा ड्यूटी के दौरान भइल होखे: सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट सेना विकलांग पेंशन के लेके अपना एगो फसिला में कहलस कि जवान विकलांग पेंशन के हकदार तबे होई लो, जब ऊ ड्यूटी के वजह से विकलांग भइल होखे भा ड्यूटी के वजे से समस्या आउर बढ़ गइल होखे।

कोर्ट कहलस कि जदि जवान छुट्टी पs होखे आ ओह दरमियान ओकरा कवनो वजे से विकलांगता आ जात बा तs ऊ एह पेंशन के हकदार ना होई। मसलन 20 फीसदी से बेसी जादे विकलांगता होखले पs कवनो जवान विकलांगता पेंशन के हकदार हो सकेला।

कोर्ट कहलस कि एह ममिला में जवान छुट्टी पs गइला के दु दिन बाद दुर्घटना के शिकार हो गइल रहे। जवान के डयूटी के वजे से कवनो चोट ना आइल। संगही कोर्ट कहलस कि आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल एह पहलु के पूरा तरे नजरअंदाज कइल जबकि एह लिहाज से जवान विकलांग पेंशन के हकदार नइखे।

सुप्रीम कोर्ट जवान के याचिका खारिज कइलस

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका आ जस्टिस एमएस सुंदरेश के बेंच सुनवाई करत रहे। कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल के ओह फसिला के चुनौती दिहल गइल रहे जेमे जवान के विकलांगता पेंशन के देवे के आदेश दिहल गइल रहे। कोर्ट अपना फसिला कहलस कि जवान के तबे विकलांगता पेंशन दिहल जा सकत बा जब ओकर चोट ड्यूटी से संबन्धित होखे। कोर्ट ई मानत कहलस कि जवान के संगे हादसा छुट्टी के दौरान भइल होखे। जवान के याचिका के खारिज कs दिहल गइल बा।

जवान के 28 सितंबर 2000 के नौकरी से कs दिहल गइल रहे बरखास्त

ट्रिब्यूनल अपना आदेश में कहले रहे कि जदि कवनो शख्स के छुट्टी के दौरान चोट लागत बा आ ऊ सैन्य सेवा के साथे असंगत ना होखे तबो ऊ विकलांगता पेंशन के हकदार होई लो। जवान 1965 में सेना में भर्ती कइल गइल रहे आ ओकरा 1999 में जवान के सालाना छुट्टी मिलल रहे। छुट्टी के दौरान जवान कवनो हादसा के शिकार हो गइल आ मेडिकल टीम जवान के 80 फीसदी विकलांग मनलस। एह संबंध में जवान 28 सितंबर 2000 से सेवा से बर्खास्त कs दिहल गइल रहे। एकरा बाद जवान आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल से पेंशन देवे के गुहार लगवले रहले।

297000cookie-checkसेना के जवान तबे विकलांगता पेंशन के हकदार होई जब हादसा ड्यूटी के दौरान भइल होखे: सुप्रीम कोर्ट

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