World Brain Tumor Day : लापरवाही से ब्रेन ट्यूमर के बोझ बढ़ रहल बा, लक्षण के उपेक्षा से भारी असर पड़ रहल बा
आंकड़ा बतावत बा कि अस्पताल पहुंचे वाला करीब 60 प्रतिशत मरीज के लक्षण देखाई देला के बाद भी सामान्य इलाज जारी रहेला। जब हालत बिगड़ जाला तs जांच में ब्रेन ट्यूमर के पता चलेला।
सिरदर्द, उल्टी, दौरा, बार-बार चश्मा के संख्या में बढ़ोतरी, कान में सीटी बजावल, सुंघे में दिक्कत आ बहुत लक्षण समेत बहुत लक्षण के बावजूद लापरवाही के चलते सिर पs ट्यूमर के बोझ बढ़ रहल बा। आंकड़ा बतावत बा कि अस्पताल पहुंचे वाला करीब 60 प्रतिशत मरीज के लक्षण देखाई देवेला के बाद भी सामान्य इलाज जारी रहेला। जब हालत बिगड़ जाला तs जांच में ब्रेन ट्यूमर के पता चलेला।
विशेषज्ञ के कहनाम बा कि लापरवाही के चलते 60 प्रतिशत मरीज गंभीर हो जाले। एडवांस स्टेज में पहुंचल अइसन मरीज के इलाज जटिल हो जाला। एहमें से अधिकतर मरीजन के मौत इलाज का दौरान हो जाला । जबकि जब लक्षण देखाई देवेला तs एगो छोट जांच से दिमाग में ट्यूमर के आसानी से पता चल सकता। जल्दी पता चलला से इलाज सफल हो सकेला।
जीबी पंत अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. दलजीत सिंह के कहनाम बा कि हर साल 150 ब्रेन ट्यूमर के मरीज अस्पताल में सर्जरी करावेले। एह में से अधिकतर में ग्रेनोमा ट्यूमर पावल जाला। उनकर कहनाम बा कि अस्पताल आवे वाला 60 प्रतिशत मरीज एडवांस स्टेज में पहुंच जाले।ओह लोग के इलाज कइल मुश्किल हो जाला । अइसन मरीज के सर्जरी के बाद रेडियोथेरेपी आ कीमोथेरेपी दिहल जाला। उनकर कहनाम बा कि, जदी मरीज के लक्षण देखाई देवे पs डॉक्टर के सलाह पs सीटी स्कैन आ बाकी जांच करावे तs ट्यूमर के गंभीर होखे से रोकल जा सकता।
लक्षण तेजी से बढ़ जाला
एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अचल कुमार श्रीवास्तव कहले कि, जदी सिरदर्द, उल्टी, दौरा जईसन लक्षण देखाई देता तs एकरा के हल्का में ना लेवे के चाही। जदी समय के संगे ई लक्षण बढ़ता तs तुरंत जांच करावे के चाही। एकरा अलावे दिमाग के ओ हिस्सा से जुड़ल शरीर के ओ हिस्सा में भी लकवा हो सकता, जहां ट्यूमर बनता। ई लक्षण कवनो उमिर में देखल जा सकेला । जब लक्षण लउकेला तs जांच कइला से इलाज आसान हो जाला।
जागरूकता बदलाव ले आ सकेला
डॉ. मनीष वैश के कहनाम बा कि बिना कवनो स्पष्ट लक्षण के दिमाग में ब्रेन ट्यूमर बढ़ सकता। एह बारे में तनी जागरूकता से बड़हन बदलाव आ सकेला । ग्रामीण इलाका में भी एकर केस बढ़ रहल बा।
आधा मरीज के मौत हो जाला
डॉ. प्रवीण गुप्ता के कहनाम बा कि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कैंसर रजिस्ट्रीज (आईएआरसी) के मुताबिक भारत में हर साल 28 हजार से जादे ब्रेन ट्यूमर के मामला सामने आवेला। एहमें से हर साल 24 हजार से अधिका लोग के मौत ब्रेन ट्यूमर का चलते होला ।
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