Supreme Court: अनुच्छेद 370 पर आज होई सुप्रीम सुनवाई, CJI खुद करिहें संविधान पीठ के अगुवाई
जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जा देवे वाला अनुच्छेद 370 के समाप्त कइल गइला के खिलाफ दाखिल याचिकन पs सुप्रीम कोर्ट बुधव से प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशन के संविधान पीठ सुनवाई करी। पिछला 11 जुलाई के सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 पs सुनवाई के रूपरेखा तय करत दु अगस्त से रोजाना सुनवाई करे के बात कहले रहे।
जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जा देवे वाला अनुच्छेद 370 के समाप्त कइल गइला के खिलाफ दाखिल याचिकन पs सुप्रीम कोर्ट बुधव से प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशन के संविधान पीठ सुनवाई करी।
आज से संविधान पीठ करी सुनवाई
पिछला 11 जुलाई के सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 पs सुनवाई के रूपरेखा तय करत दु अगस्त से रोजाना सुनवाई करे के बात कहले रहे। हालांकि, कोर्ट साफ कइले रहे कि ममिला के सुनवाई नियमित सुनवाइयन के दिन माने मंगर, बुध आ बियफे के होई।
बता दीं कि सोमार आ सुक सुप्रीम कोर्ट में मिसलेनियस डे कहल जाला, एह दिन नया ममिलन के सुनवाई होला। पांच सदस्यीय संविधान पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई आ जस्टिस सूर्यकांत सामिल बा लो।
सीजेआई खुद करिहें अगुवाई
एह संविधान पीठ के एगो खासियत बा, एकर अगुवाई वर्तमान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कs रहल बाड़ें आ पीठ के आउर न्यायाधीशन में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशन के वरिष्ठता क्रम के देखल जाव तs पीठ में सामिल तीन आउर न्यायाधीश भविष्य में चीफ जस्टिस आफ इंडिया बनी लो।
केंद्र सरकार 05 अगस्त 2019 के जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जा देवे वाला अनुच्छेद 370 निरस्त कs देले रहे आ जम्मू कश्मीर के दु केंद्र शासित प्रदेशन लद्दाख आ जम्मू कश्मीर में बांट देले रहे। याचिका में 370 हटावे के वैधानिकता आ कानूनी प्रक्रिया पs सवाल खड़ा कइल गइल बा।
केंद्र के फैसला के दिहल गइल बा चुनौती
अब चार साल बाद सुप्रीम कोर्ट में ओह याचिकन पs सुनवाई के नंबर आइल बा। 2 मार्च 2020 के सुप्रीम कोर्ट एह ममिला के सात जजन के पीठ के भेजे के मांग खारिज कs देले रहे। कोर्ट कहले रहे एकर जरूरत नइखे आ ममिला के पांच जजन के पीठ सुनी।
एह ममिला में केंद्र सरकार पिछिला 10 जुलाई के एगो ताजा हलफनामा दाखिल कइले रहे, जेमें केंद्र कहले बा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटावल गइला के बाद उहां पूरा क्षेत्र में शांति, विकास, संपन्नता आ स्थिरता आइल बा। बाकिर पीठ टिप्पणी में कहले रहे कि कोर्ट के सामने विचार खातिर खाली कानूनी विषय बा।
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