Mirror Image Man of India: जानीं भारत के दर्पण छवि के एगो अइसन लेखक के बारे में जे 17 गो किताब दर्पण छवि में लिख चुकल बा
भारत में साहित्यिक गतिविधियन के जनता तक पहुंचावे खातिर अलग-अलग तौर-तरीकन के इस्तेमाल होत आइल बा। किताब लेखन एकर बहुते महत्वपूर्ण विधा बा। अइसना में भारत के एगो लेखक के अलग अंदाज आ तरीका बहुते खास आ सराहणीय बा। दर्पण छवि के लेखक पीयूष गोयल जी अब तक 17 गो पुस्तक लिख चुकल बानी।
पीयूष गोयल आम तौर पs मीडिया द्वारा “मिरर इमेज मैन ऑफ इंडिया” आ “विश्व के पहिला हस्तलिखित नीडल(सुई) बुक ‘मधुशाला’ के नाम से जानल जालें। पीयूष गोयल दर्पण छवि में कइयन गो किताब जवना में भागवद गीता, रामचरित मानस के सुंदर कांड, साई सतचित्रा, दुर्गा सप्तशति, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के ‘मेरी इक्यावन कवितायें’ लिख चुकल बाड़ें। ऊ विश्व के दर्पण छवि के पहिला भागवत गीता लिखले बाड़े जवना के रिपोर्ट हिंदुस्तान टाइम्स में छपल बा। रवीन्द्रनाथ टैगोर के पुस्तक गीतांजली (जवना खातिर रबिन्द्र्नाथ टैगोर जी के सन 1913 में साहित्य के नोबल पुरस्कार मिलल रहे) के मेहंदी के कोन से लिखले बाड़े।
पीयूष विष्णु शर्मा जी के किताब “पंचतंत्र” के कार्बन पेपर से लिखले आ अटल जी के किताब “मेरी इक्यावन कवितायें” के मैजिक शीट पs लकड़ी के कलम से लिखले आ आपन लिखल किताब “पीयूष वाणी” के फेब्रिक कोन लाइनर से लिखले बाड़े आ 2003 से 2022 ले 17 गो किताब लिख चुकल बाड़े।
पीयूष गोयल के जनम 10 फरवरी, 1967 के माँ रवि कांता जी के गोदी में आ बाबूजी डॉ० डीके गोयल के घर में भइल। पीयूष गोयल हमेशा नया रचना आ सकारात्मक सोच में विस्वास राखे लें। ऊ पेशा से एगो मैकनिकल इंजीनियर शौख से मोटिवेटर, कार्टूनिष्ट, लोकल क्रिकेट अमपायर आ दर्पण छवि के लेखक हवे। उनका 25 बरिस से जादे के अलग-अलग कंपनियन में काम करे के अनुभव बा। उनकर गणित के तीन गो अंतराष्ट्रीय रिसर्च पेपर छप चुकल बा।
पीयूष गोयल दर्पण छवि से किताब लिखत घरी कलम, सुई, मेहंदी के कोन, कार्बन पेपर, लोहा के कील, लकड़ी के कलम आ फैब्रिक कोन लाइनर के इस्तेमाल करेले। इनकर काम अद्भुत आ सराहनीय होखला के संगे-संगे उचित प्रसंशा के पात्र बा।
का हs दर्पण छवि?
दर्पण छवि (एगो समतल दर्पण में) एगो वस्तु के परावर्तित दोहराव हs जवन लगभग समान लउकेला, बाकिर दर्पण के सतह के लंबवत दिशा में उलट जाला। ई एगो ऑप्टिकल प्रभाव के रूप में दर्पण भा पानी जइसन पदार्थ से परावर्तन के परिणाम के रूप में होला। एही तकनीक के उपयोग कs के पीयूष गोयल दर्पण छवि के किताब लिखले बाड़े।
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