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Raja Ram Mohan Roy B’day: राममोहन राय के काहे मानल जाला आधुनिक भारत के जनक?

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राजा राममोहन राय ने देश के अइसन दउर में लोग के शिक्षा आ हिंदू धर्म के प्रति जारूकता के पाठ पढ़वले जब भारत में कुरीतिय गहरी जड़ल जमाइल बइठल रहे । उ लोगन के वेद आ उपनिषद के सही संदर्भ में जानकारी पहुंचावत  सती प्रथा, बाल विवाह, जातिवाद आदि कुरीतियन के उन्मूलन के सार्थक प्रयास कइले।

18वीं सदी के उत्तरार्ध में भारत के सामाजिक आ धार्मिक स्थिति बहुत खराब रहे पूरा देश पुरान बाकी गलत कुरीतियन से लिपटल रहे आ  धार्मिक तौर पs  लोगन में भारी अज्ञानता आ गलत परंपरा के बधन जकड़ल रहले। अइसने में राजा राम मोहन राय एक तरह से मसीहा बनके अइले आ ऊ समाज सुधार खातिर कई गो असंभव लगे वाला कार्य कइले आ उनका विरोध के सामना भी करे पड़ल । राजा राम मोहन राय के आधुनिक भारत के पहिला प्रमुख समाज सुधारक आ भारतीय पुनर्जागरण के पिता कहल जाला। ऊ देश में सती प्रथा आ बाल विवाह के खत्म करवावे खातिर उनकर विशेष योगदान के जानल जाला।  22 मई के उनकर जयंती हs ।

कई गो भाषा के जानकार

राममोहन राय के जन्म बंगाल प्रांत के हुगली जिले के राधानगर में 22 मई 1772 के भइल रहे । उनके दादा कृष्णकांत बंदोपाध्याय कुलीन रारही ब्राह्मण रहले । उनकर पिता के नाम रमाकांत आ मां के नाम तारिणी देवी रहे । उनकर खुद के परिवार में दहेज आदि कुप्रथाएं रहे आ बचपन में ही ऊ अपना बहिन के सती होखला के दुख झेलले रहन ।  बाकी इस सब के बीच उनकर शिक्षा बहुत निमन से भइल रहे आ ऊ संस्कृत, पारसी आ अंग्रेजी भाषा के विद्वान रहन।  एकरे अलवा ऊ अरबी, लैटिन आ ग्रीक भाषा के भी जानकार रहन ।

वेद उपनिषदों के ज्ञाता

राममोहन राय के वेद आ उपनिषद के भी ज्ञान रहे आ ऊ उपनिषद के सिद्धांत के शिक्षा में शामिल करे खातिर विशेष प्रयास कइले आ धार्मिक कुरीतियन के पूरा धार्मिक तर्कन के संगे विरोध कइले जेकर अच्छा खासा असर समूचा समाज पs पड़ल । ऊ ब्रह्म समाज के स्थापना कइले जवन आधुनिक भारत में समाज आ धार्मिक सुधार खातिर एगो प्रमुख जरिया बनल ।

सती प्रथा उन्मूलन खातिर विशेष प्रयाससती प्रथा के उन्मूलन खातिर उनकर प्रयास विशेष तौर पs सफल भइल रहे । बचपन में अपना आंख के सामने ऊ आपन 17साल के  बहिन के सती होते देखले रहन  आ ओकर पीड़ा के समझले रहन । ओह दौर में कवनो स्त्री के विधवा हो जाए पs ओकरा में ओकर पति के चिता पs ही जिंदा जला देवल जात रहे । उनकर बहिन के तमाम विरोध के प्रयास करे के बाद भी उनका के जबर्दस्ती जिंदा जला देवल गइल रहे ।

शिक्षा खातिर प्रयास

राम मोहन राय आधुनिक शिक्षा के खूब पैरवी कइले, ऊ चाहते रहले कि भारत के निमन परंपरा के पश्चिम संस्कृति में विलय होखो । ऊ खुद देश में बहुत सारा स्कूलन के स्थापना कइले जवना में आधुनिक शिक्षा तंत्र के लोकप्रियता मिलल । ऊ लेखन के प्रभाव भारत के लोगन पs ही ना बलुक ब्रिटेन आ अमेरिका के लोगन पs अच्छा खासा पड़ल।

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