Solar Eclipse 2025 : आज साल के आखिरी सूर्य ग्रहण लागी। ई एगो अद्भुत खगोलीय घटना हs। अतवार के लागे वाला सूर्य ग्रहण एगो आंशिक सूर्य ग्रहण होई। एकर बहुत जादे वैज्ञानिक, ज्योतिष आ धार्मिक महत्व होला। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखीं, तs जब चंद्रमा, धरती आ सूर्य के बीच से होके गुजरेला, तs एह इस्थिति में सूर्य के रोशनी पृथ्वी पs ना पहुंच पावेला। एह खगोलीय घटना के सूर्य ग्रहण कहल जाला। इहां जानीं सूर्य ग्रहण से जुड़ल अपडेट्स..
122 साल बाद बने जा रहल बा ई संयोग
सूर्य ग्रहण के ज्योतिष में बहुते महत्व बा। अइसन में ज्योतिष बतावत बा लोग कि करीब 122 साल बाद अइसन हो रहल बा कि ग्रहण से पितृपक्ष के सुरुआत हो रहल बा आ ग्रहण से पितृपक्ष के समापनो हो रहल बा। एकरा पहिले अइसन संयोग 1903 में बनल रहे।
का भारत में लउकी सूर्य ग्रहण?
भारत में सूर्य ग्रहण के ना देखल जा सकी। ई ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी आ दक्षिणी गोलार्द्ध के कुछ हिस्सन में दिखाई देला।
सूर्य ग्रहण के दौरान का करीं?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूतक काल से पहिलही मंदिर के कपाट के बंद कs देवे के चाहीं। ओहिजा, खाये के चीजन में तुलसी के पत्ता के डाल दीं। मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय में देवी-देवता के मंत्रन के जप करीं।
5 घंटा तक रही प्रभाव
पितृपक्ष 2025 के समाप्ति आ महालया 2025 के दिन लाग रहल एह सूर्यग्रहण 2025 के बारे में ज्योतिषविदन के माने के बा कि एकर दुनियाभर में दूरगामी प्रभाव देखे के मिली। रात 10 बजके 39 मिनट से करीब 5 घंटा तक ग्रहण के प्रभाव रही।
कब सुरू होला सूतक काल?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण लागे के 12 घंटा पहिलही सूतक काल सुरू हो जाला। एह दौरान कइयन गो कामन पs मनाही होला। हालांकि, 21 सितंबर के लागे वाला सूर्य ग्रहण भारत में ना लउकी एहिसे एकर सूतक काल ना लागी। बाकिर मान्यता के अनुसार, सावधानी बरते के चाहीं।
सूर्य ग्रहण के दौरान मत करीं ई काम
ग्रहण के धार्मिक मान्यता बहुत जादे बा। अइसन में सूर्य ग्रहण के दौरान कइयन गाे अइसन काम बा, जवना के करे से बचे के चाहीं। जानकार बतावेला लोग कि एह दौरान नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहीं। संगही खाये-पीये से बचे के चाहीं। गर्भवती महिला लोगन के विशेष सावधानी बरते के चाहीं। ग्रहण समाप्त होखला के बाद स्नान कs के आ पूजा-पाठ कइला के बादे कवनो काम सुरू करे के चाहीं।
एह जगहन पs लउकी ग्रहण
ई ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी आ दक्षिणी गोलार्द्ध के कुछ हिस्सन में दिखाई दी। खगोल विज्ञान के अनुसार सूर्य ग्रहण तब होला, जब चंद्रमा सूर्य आ पृथ्वी के बीच आ जाला। सूर्य के रोशनी कुछ समय खातिर बाधित हो जाला।
सूर्य ग्रहण के दौरान जरूर करीं ई काम
सूर्य ग्रहण के लेके सनातन धर्म में विशेष मान्यता बा। अइसन में सूर्य ग्रहण के दौरान कइयन गाे उपाय बतावल गइल बा, जवन सूर्य ग्रहण के समय करे के चाहीं। सूर्य ग्रहण के बुरा प्रभाव से बचे खातिर पवित्र नदी में स्नान करीं। एकरा बाद सूर्य देव के पूजा-अर्चना करीं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण के बाद एह उपाय के करे से सब बुरा प्रभाव दूर हो जाला।
सूतक के दौरान का ना करीं?
सूर्य ग्रहण से 12 घंटा पहिले सूतक काल के सुरुआत होला। एह अवधि के दौरान पूजा-पाठ, शुभ आ मांगलिक काम करे के मनाही होला। अइसन मानल जाला कि सूतक काल के दौरान प्रभु के नाम के जप करीं। एकरा अलावे भोजन के सेवन मत करीं। सूर्य ग्रहण के समापन के संगही सूतक समय खत्म होला। हालांकि अबकि बेर भारत में सूतक काल मान्य ना होई।
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