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अंधविश्वास कथा -साहसी राहुल

नमस्कार मित्र लोग,आज हम रउआ लोग खातिर अंधविश्वास पर आधारित कहानी लेके आइल बानी आ ऊहो भोजपुरी में।

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अंधविश्वास कथा -साहसी राहुल

नमस्कार मित्र लोग,https://khabarbhojpuri.com/superstition-legend-adventurer-rahul/ हम रउआ लोग खातिर अंधविश्वास पर आधारित कहानी लेके आइल बानी आ ऊहो भोजपुरी में।

राहुल दस साल के बहुत प्यारा बच्चा रहे। सब लोग उनका से बहुत प्यार करत रहे लेकिन उनकर एगो बहुत बुरा आदत रहे कि उ अन्हार से बहुत डेरात रहले। एह डर के चलते ना त देर रात तक जागल रह सकत रहले पढ़ाई करे खातिर ना ही बिना माई के हाथ पकड़ले कमरा से बाहर निकलत रहले।

एकरा चलते उनुका घर में सब लोग बहुत परेशान होखत रहे। दिन भर उ खूब मस्ती करत रहले अउरी इधर-उधर कूदत रहले, लेकिन रात होखते बत्ती बंद होखला प उ काँपे । उनकर डर के कारण उनकर चाची रहे जवन उनका के बचपन के शुरुआत में सुतावे खातिर अलग-अलग तरह के दिमाग से बनल डरावना कहानी सुनावत रहली।

शुरू में त राहुल तक के ए अजीब-अजीब कहानी सुन के मजा आवत रहे, लेकिन धीरे-धीरे उनुका दिमाग में डर घुस गईल अउरी अब उ अपना चाची के बात सुने तक के तैयार ना रहले कि अन्हार में भूत ना आवेला। काहे कि ई सब बिल्कुल ना होला। अब बेचारी चाची के भी पहिले बहुत दुख होत रहे। कि उनुका चलते ही राहुल एतना कायर हो गईल रहले। एह तरह से कई दिन बीत गइल आ राहुल के डर कम होखे के बजाय बढ़त गइल। एक रात भारी बरखा होत रहे आ घर में सब लोग के एगो बियाह में शामिल होखे के पड़ल। खाली राहुल काकी के साथे घर में रहले आ खाना खात रहले।

अचानक बिजली के झिलमिलाहट के संगे बत्ती बंद हो गईल। बेचारा राहुल डर से चम्मच गिरा दिहले। ई देख के उनकर चाची बहुत प्यार से कहली, “बिल्कुल मत डेरा। हम त बस मोमबत्ती लेके आवत बानी।” इ कहत अन्हार में हाथ से टटोलत आगे बढ़ते जमीन पे पानी के चलते फिसल के गिर गईल। जब तक उ खड़ा भईली तब तक उनकर माथा टेबुल के तेज किनारा से टकरा गईल, माथे से खून बहत रहे। चाची जोर से रोवत राहुल के बोलावे लगली। राहुल जे अब तक पत्थर के मूर्ति निहन बईठल रहले। उ अपना मौसी के लगे भाग गईले।

जब बिजली चमकल त देखलस कि चाची के माथे से भरपूर खून बहत रहे। घर के सामने रहे वाला डाक्टर चाचा के बोलावे खातिर हवा के रफ्तार से दौड़त उ बरखा में फिसलत रहे, लेकिन आँख के सोझा खाली चाची के खून से लथपथ माथे घूमत रहे। अन्हार में जब रुक-रुक के बिजली गरजत रहे आ कुकुरन के भौंकत रहे त डर से माथे पर पसीना बहत रहे।

बाकिर ऊ बिना रुकले दौड़त रहले आ सामने वाला गली पार क के एक गोड में डाक्टर चाचा के जगह पर पहुँच गइले। जइसहीं डाक्टर चाचा उनकर बात सुनलन त तुरते आपन प्राथमिक चिकित्सा के डिब्बा आ जरूरी दवाई लेके तुरते ओकरा साथे चल गइलन। जबले दुनु जाना घरे पहुँचल तबले बत्ती जरि गइल रहे आ चाची दर्द से कराहत जमीन पर पड़ल रहली।

डाक्टर चाचा उनका के साथ देके बिछौना पर लेटवा के तुरते माथे से बहत खून के पोंछ के मरहम लगा दिहले। तब तक घर के सब सदस्य भी बियाह से वापस आ गईल रहले। सबके आँख में घबराहट आ चिंता के भाव देख के डाक्टर चाचा मुस्कुरइले आ कहलन कि जवना घर में राहुल जइसन हिम्मत आ समझदार लइका बा ओहिजा केहू के कवनो बात के चिंता करे के जरूरत नइखे। देखीं कि ऊ केतना हिम्मत आ बहादुरी से सबकुछ संभाल लिहल। ई कहत डाक्टर चाचा बहुते प्यार से उनकर पीठ थपथपइन । इ सब सुन के माई राहुल के गले लगा के खुशी से रोवे लगली।

ओही दिन से राहुल सबके हीरो बन गईले। आ हाँ चाची मन में एगो प्रण ले लिहली कि अब ऊ कबो कवनो लइका के झूठ आ डरावना कहानी ना सुनाईहें आ ओकर आत्मविश्वास आ मनोबल बढ़ावे खातिर जानकारी भरल कहानी सुनाईहें।

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