राष्ट्रीय शिक्षा नीति: स्नातक डिग्री कोर्स के बदली सिलेबस, एचपीयू के बईठक में भईल मंथन
प्रति कुलपति प्रो. ज्योति प्रकाश कहलें कि शिक्षा नीति के देश भर में लागू कइल जा रहल बा, एह से हिमाचलो प्रदेश में एकरा के लागू करे के बा। ओहि कड़ी में ई बइठक भईल हs
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सत्र-2023 में लागू करे खातिर स्नातक डिग्री कोर्स के पाठ्यक्रम में नीति के अनुरूप बदलाव कइल जाई। पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा मातृभाषा आ समय, रोजगार के लेहाज से जरूरी बदलाव कइल जाई। ई बात बुध के विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करे खातिर भईल बैठक के अध्यक्षता करतs प्रति कुलपति प्रो. ज्योति प्रकाश कहलें। उ कहलें कि शिक्षा नीति के देश भर में लागू कइल जा रहल बा, एह से हिमाचलो प्रदेश में एकरा के लागू करे के बा। ओहि कड़ी में ई बइठक भईल हs। नीति के लागू करे से पहिले एकरा खातिर हर तरह से तईयारी करे के होई। डॉ. चंदेल कहलें कि नीति के लागू करे से पहिले हर शिक्षक के नीति के समझे के पड़ी । उ कहलें कि 31 मार्च तक स्नातक डिग्री कोर्स के पाठ्यक्रम के तईयार कइल जाई ।एकरा खातिर उ सब विभागन के 15 दिन बाद होख वाली बईठक से पहिले बोर्ड ऑफ स्टडीज के बैठक कइके पाठ्यक्रम तईयार करे के होई। पाठ्यक्रम के तईयार करे में विषय विशेषज्ञ लोगन के राय लिहल जाई।
उ ईहो कहलें कि नीति के स्नातक डिग्री कोर्स में लागू करे से पहिले एकर नियमो बनावल जाई। एह काम के कमेटी अलगा से कर रहल बिया। उ कहलें कि यूजी डिग्री कोर्स के विद्यार्थियन खातिर अलग-अलग कोर्स चुने के आजादी उपलब्ध करवावे खातिर विषयन के गठरी तईयार कइल जा रहल बा, वेल्यू एडिड कोर्स भी पाठ्यक्रम के हिस्सा होई, जवना से छात्र लोगन के कौशल विकास होखे आ ओह लोगन के रोजगार पावे में आसानी होखे। प्रो. कुलभूषण राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू करे में आवे वाली चुनौतियनो के एह बइठक में गिनववले। उ कहलें कि नीति के लागू करे से पहिले शिक्षण संस्थानन में प्राचार्य, ढांचागत सुविधा, शिक्षण संस्थानन में राजनीतिक हस्तक्षेप के कम करे, कॉलेजों में भवन, क्लास रूम लैब, पर्याप्त शिक्षक आ कर्मचारियन के टोटा ना होखे जइसन आवश्यक सुविधा aa ओकर कमी बेसी के लेके जुटावे के चुनौती रही। बईठक में मवजूद विभागाध्यक्ष लोगन आ अधिष्ठाता लोग हर विषय आ पाठ्यक्रम में कइल जाए वाला बदलाव पs आपन विचार रखले आ संगे- संगे सुझावो दिहिले ।
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