Navratri Special 2022: बड़िए अनोखा बा गोरखपुर के गोलघर के काली मंदिर के इतिहास

कुमार आशू
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गोरखपुर शहर के गोलघर के काली माई के महिमा लम्मे-लम्मे ले फइलल बा। नवरात्र में शहर के अलावा आसपास के शहरन से लोग माई के दर्शन करे खातिर आवेने, ऊ नारियल, चुनरी चढ़ा के मनचाहल मुराद मांगेने। एह स्थान के दूरी रेलवे स्टेशन अउर बस स्टेशन से लमसम एक कीलोमीटर बा।

जंगल में जमीन फाड़ के ऊपर निकलल रहे माई के मुखड़ा

गोलघर के काली माई के मूर्ति जमीन फाड़ के निकलल बा। जब ई पूरा क्षेत्र जंगल रहल, ओही जंगल में एक जगह माई के मुखड़ा जमीन फाड़कर ऊपर निकलल रहे। एकरे बाद खबर फइलल त भीड़ जुट गइल अउर उहवाँ पूजन-अर्चन शुरू हो गइल। श्रद्धालुअन के आस्था देखके जंगीलाल जायसवाल संवत 2025 यानी 1968 में उहवाँ मंदिर के निर्माण करवने। तब्बे से रोज उहां पूजा होखे लागल। पहिले जमीन से निकलल मूर्ति रहल। बाद में उहाँ काली माई के एगो बड़ मूर्ति लगवावल गइल। मूर्ति के ठीक सामने नीचे स्वयंभू काली माई के मुखड़ा आजुओ ओइसहीं बा, जइसन जमीन से निकलल रहल|

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मंदिर के विशेषता

नवरात्र के पहिले दिन से रोज रात 12 बजे से मंदिर के साफ-सफाई शुरू हो जाला। माई ले स्नान करा के उनकर श्रृंगार कइल जाला। फेर मंदिर के फूल से सजावल जाला। फेर भोर में माई के आरती होला| श्रद्धालुअन के आइल भिन्नहिये से शुरू होके देर रात ले चलsला। मंदिर के निर्माण में कौनो खास वास्तुकला के प्रयोग नाइ भइल बा।

का कहत आवेने पुजारी

पुजारी कृष्ण गोपाल सैनी बतवने कि नवरात्र में श्रद्धालुअन के होखे वाली भीड़ के ध्यान में रख के पूरा तैयारी कइल गइल बा। सफाई करा देहल गइल बा। रोज रात 12 बजे मंदिर परिसर धोअले के बाद केवाड़ी  बंद कइल जाला। भिन्नही पांच बजे से श्रद्धालु दर्शन कs पइहें।

महापौर कहने

महापौर सीताराम जायसवाल बतवने कि माई काली के महिमा बड बा। लम्मे-लम्मे से श्रद्धालु इहवाँ दर्शन खातिर आवेने। नगरवासी शुभ कार्य कइले के पहिले माई के आशीर्वाद लेवे आवेने। हमहूँ चुनाव के पहिले माई के दर्शन-पूजन कइले रहनी अउर सफलता मिलल|

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