लश्कर-ए-इस्लाम के धमकी: आतंकी संगठन के चिट्ठी से घाटी में कश्मीरी पंडितन अउर हिंदुअन में दहशत

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 कश्मीरी पंडितन अउर हिंदुअन के धमकी भरल चिट्ठी अउर एह समुदाय के लोग पs हो रहल हमला घाटी में दहशत अउर असुरक्षा के माहौल बना देहले बा। हाले में वीरवन बारामुला के पंडित कॉलोनी में कश्मीरी पंडितन के एगो नया धमकी भरल चिट्ठी मिलल। कॉलोनी में रह रहल एगो शख्स बतवने कि ई चिट्ठी उनके डाक से मिलल।

कश्मीरी पंडितन अउर अन्य गैर मुसलमानन के इस्लाम कबूल कइले के बा कहनाम 

आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम के जौन चिट्ठी बारामुला में सामने आइल बा, ओमें कश्मीरी पंडितन अउर अन्य गैर मुसलमानन के इस्लाम कबूल कइले चाहे आतंकवादी संगठन के हमला के सामना कइले के धमकी देहल गइल बा। कॉलोनी में रहे वाला एगो पंडित बतवने कि धमकी भर चिट्ठी डाक से पहुंचल, जौन कॉलोनी के सुरक्षाकर्मियन के मिलल।

350 लोग एह पंडित कॉलोनी में रह रहल बानें

चिट्ठी में कहनाम कि लमसम 350 लोग एह पंडित कॉलोनी में रह रहल बाने अउर ओमें से 150 अइसन बाने, जौन रोजाना काम खातिर बाहर जाने। पुलिस के अनुसार ऊ धमकी चिट्ठी के जांच कs रहल बा। सामाजिक कार्यकर्ता विजय रैना अउर देवसर कुलगाम के सरपंच एलजी से धमकी वाले चिट्ठी के गंभीरता से लेहले के अपील कइले बाने।

अल्पसंख्यकन के सुरक्षा दांव पर 

तिक्कू ने कहनाम बा कि सामूहिक चुप्पी कब्बो न खतम होखे वाली रिक्तियन के संगे विश्वास के कमी पैदा करत बा। ऊ कहने कि अल्पसंख्यकन के सुरक्षा दांव पर बा अउर सरकार के एह स्थिति से कौनो सरोकार नाइ बा। ई स्पष्ट रूप से दर्शावत बा कि या त प्रशासन के अल्पसंख्यकन के बचवले में कौनो दिलचस्पी नाइ बा नाइ त ऊ स्थिति के सम्हरले में सक्षम नाइ बाने। दूनों मामले में कश्मीर के ओह अन्हारे में धकेल देहल जात बा, जौन 1990 के दशक के शुरुआत में एह जगह के घेरले रहल।

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