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सबेरे-सबेर : कराग्रे वसते लक्ष्मी… काहे भोरे -भोरे हथेली देखे के चाहीं? जानीं मंत्र, बोल, आ अर्थ  

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दिन के शुभ सुरुआत शुभ चिजन के देखे से सुरू होला। एकरा खातिर भारतीय ऋषि लोग हमनी के करदर्शनम के संस्कार यानी हाथ के दर्शन के देले बाने।|

शास्त्र में जागते सबसे पहिले बिछौना पs बईठ के दुनो हाथ के हथेली के दर्शन के नियम बतावल गईल बा। एहसे आदमी के हालत में सुधार होखेला अउरी किस्मत बढ़ेला।

सबेरे नींद से उठला पs हथेली जोड़ के किताब नियर खोलीं आ एह श्लोक के हथेली के देखत पाठ करी-

मंत्र के बोल –

कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती ।

करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥

“कराग्रे वसते लक्ष्मी” मंत्र मूल रूप से विष्णु पुराण के एगो श्लोक हs। ई सबसे प्रचलित मंत्रन में से एगो हs, जवना के जाप रोज बूढ़ आ जवान एके जइसन करेला। मंत्र ध्यान के अधिकांश साधक सबेरे-सबेरे उठ के बिना एह मंत्र के जप कइले आ सुनले आपन दिन के शुरुआत ना करेलें।

एह मंत्र खातिर नींद से जागते हाथ के हथेली पs ध्यान दीं। देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती आ विष्णु के रूप में परम शक्ति के कल्पना करीं आ आह्वान करीं। देवी लक्ष्मी धन के दाता हई। देवी सरस्वती बुद्धि के दाता हई। आ समृद्धि के दाता भगवान विष्णु। देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती, आ भगवान गोविन्द (भगवान विष्णु) दिव्य प्रकटीकरण के तीन चरण के प्रतिनिधित्व करेलें।

मंत्र के इतिहास के बारे में 

एह मंत्र के सबसे पहिले व्यास ऋषि के लिखल विष्णु पुराण में आइल। हिन्दू धर्म में विष्णु ब्रह्माण्ड के स्वामी हवें। उहे हमनी के दुनिया में होखे वाला हर घटना पs नियंत्रण राखेले । आ संसार के चलावे खातिर ऊ आपन दिव्यता के साथे विभिन्न रूप आ अवतार के साथे हस्तक्षेप करेलें।

दुनिया के गतिविधियन के प्रशासनिक प्रमुख के रूप में विष्णु के अन्य दिव्य सत्ता के साथे सहजीवी रूप से काम करे खातिर जानल जाला।

कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र अइसन क्रॉसओवर के एगो स्रोत हs। एह मंत्र के तात्पर्य बा कि विष्णु ज्ञान, बुद्धि, सृजनात्मकता आ धन के कायम राखेले।

मंत्र के अर्थ 

हमनी के आपन अँगुरी पs ध्यान केंद्रित करेनी आ ओहिजा निवास करे वाली देवी लक्ष्मी के भरपूर आशीर्वाद के कल्पना करेनी।

हमनी के आपन हथेली के केंद्र (कारा: हाथ, मध्य: बीच) पs ध्यान केंद्रित करेनी आ ओहिजा निवास करे वाली देवी सरस्वती के भरपूर आशीर्वाद के कल्पना करेनी।

हमनी के आपन हाथ के आधार पs (कर: हाथ, मूला: नीचे) ओहिजा निवास करे वाला भगवान विष्णु के अनंत आशीर्वाद के कल्पना करत बानी।

 

 

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