PNB 15 करोड़ शेयर बेचके जुटावे जा रहल फंड, बैंक कर्मचारियन के संगे एह लोगन के होई चांदी
सरकारी बैंक पीएनबी एक बेर फेर से अपना शेयरन के बेचके पईसा जुटाई। बैंक एंप्लॉय स्टॉक परचेज स्कीम (ESPS) के तहत 15 करोड़ शेयरन के बेचके फंड रेज करी। बैंक के बोर्ड मेंमबर्स के मीटिंग 30 जून तक होखे के बा।
देस के बड़ सरकारी बैंकन में से एगो पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) अपना शेयरन के बेचे के योजना बना रहल बा। बैंक अपना एंप्लॉय स्टॉक परचेज स्कीम (Employee Stock Purchase Scheme) के तहत 15 करोड़ शेयरन के बेचके फंड रेज करी।
केतना करोड़ जुटावे के बा प्लान?
पीएनबी 30 जून के होखे वाली एनुअल जनरल मीटिंग में बोर्ड मेंमबर्स के सामने, शेयरन के करेंट मार्केट प्राइस पs बेचके एह स्कीम के माध्यम से 780 करोड़ रुपिया जुटावे आ 2 रुपिया के फेस वैल्यू पs 15 करोड़ नया इक्विटी शेयर जारी कs के आवंटित करे के प्रस्ताव रखी।
सरकार के शेयरहोल्डिंग ना होई कम
रउआ के बता दीं कि सरकारी बैंक पीएनबी में 31 मार्च, 2023 तक सरकार के हिस्सेदारी 73.15 प्रतिशत बा। एहिसे पीएनबी द्वारा ई 15 करोड़ नया शेयर एह कीमत आ अइसन नियमन आ शर्तन पs बोर्ड के सहमति से जारी कइल जाई, ताकि सरकार के हिस्सेदारी 52 फीसदी से कम ना होखे।
पहिलहू पीएनबी बेचले रहे शेयर
बैंक एकरा पहिलही साल 2018 में एंप्लॉय स्टॉक परचेज स्कीम के तहत 500 करोड़ रुपिया जुटवले रहे। रउआ के बता दीं कि बैंक ओह घरी एह स्कीम के तहत 10 करोड़ नया इक्विटी शेयर के अपना कर्मचारियन के बेचले रहे। बैंक ई शेयर 53.95 रुपिया प्रति शेयर के डिस्काउंट प्राइस पs जारी कइले रहे।
Q4 में भइल मुनाफा
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पिछला महीना वित्त वर्ष 23 के चौथी तिमाही में अपना नतीजा जारी कइले रहे। बैंक के प्रॉफिट मार्च तिमाही में 5 गुना बढ़के 1,159 करोड़ रुपिया हो गइल रहे। पीएनबी नतीजा जारी करत बतवले रहे कि एक साल पहिले माने 2022 में टोटल इनकम 21,095 करोड़ रुपिया रहे, जवन एह वित्त बरिस बढ़के 27,269 करोड़ रुपिया हो गइल रहे।
रेगुलेटरी फाइलिंग में बैंक बतवलें कि बैंक के एनपीए के आंकड़ा में कमी आइल बा। आंकड़न के मोताबिक 31 मार्च, 2023 तक बैंक के ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसट (NPA) 8.74 प्रतिशत हो गइल बा जवन एक साल पहिले मार्च 2022 में 11.78 फीसदी रहे।
एकरा अलावे जदि बैंक के नेट एनपीए के बात करीं तs बैंक के नेट एनपीए 2.72 फीसदी तक के गिरल बा जवन 2022 में 4.8 फीसदी रहे।
Comments are closed.