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200 करोड़ के घोटाला: नोटिस के बादो जांच में शामिल नाइ भइलीं आईएएस सोनल गोयल, ई हवें पूरा मामला

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फरीदाबाद नगर निगम के 200 करोड़ के घोटाला मामला में अब विजिलेंस आईएएस आधिकारियन के जांच में शामिल होखे खातिर बोलावल शुरू कर दिहले बा। एकरे खातिर विभाग पूर्व निगमायुक्त आईएएस सोनल गोयल के जांच शामिल होखे के नोटिस दे के शुक्रवार के कार्यालय में बुलवले रहने। नोटिस के बावजूद अधिकारी जांच में शामिल होखे नाइ अइली।

महिला अधिकारी वीआईपी ड्यूटी की तैयारियन के हवाला देत शुक्रवार के जांच खातिर नाइ अइले के सूचना विजिलेंस के भेजववली। विजिलेंस उनके अगिला सप्ताह के नोटिस दिहले बानें। घोटाला मामला में विजिलेंस के रडार पs तीन आईएएस अधिकारी हवें। ई सब घोटाला के दौरान नगर निगम आयुक्त रहलें। बाकि अधिकारियन के विजिलेंस जल्दी नोटिस जारी करी।

एकरे बाद आईएएस अधिकारियन के विजिलेंस कार्यालय में बुला के पूछताछ कइल जाई। घोटाला में अब ले विजिलेंस ठेकेदार सतवीर, निलंबित मुख्य अभियंता डीआर भास्कर, रमन शर्मा, जेई दीपक शर्मा के गिरफ्तार कs चुकल बिया। सब फिलहाल जमानत पर बाहर हवे। एकरे बाद ऑडिट विभाग से संयुक्त निदेशक दीपक थापर, वरिष्ठ लेखा अधिकारी विशाल कौशिक, वित्त नियंत्रक सतीश कुमार और वरिष्ठ लेखा अधिकारी हरगुलाल फागना के गिरफ्तार कइल गइल बा।

ई सब आजुकाल्ह जेल में बानें। विजिलेंस के दावा हवें कि आईएएस अधिकारियन के खिलाफ उनके लग्गे अइसन कागज बा, जेसे ई साबित होला कि घोटाला के जानकारी होखला के बावजूद उ लोग चुप रहल। कई फाइल बा, जेमें ठेकेदार के बिना काम के ही भुगतान कs दिहल गइल। कई मामला में कार्य के लागत राशि बढ़ावल भी गइल बा। फाइल पर अधिकारी हस्ताक्षर कइले बानें।

ई बा मामला

घोटाला मई 2020 में सोझे आइल रहे। नगर निगम के चार तत्कालीन पार्षद दीपक चौधरी, दीपक यादव, सुरेंद्र अग्रवाल, महेंद्र सरपंच तत्कालीन निगम आयुक्त के शिकायत देहले रहे कि निगम के लेखा विभाग ठेकेदार सतबीर के बिना काम कइलही भुगतान कs दिहल गइल बा।

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