दिल्ली के स्पेशल एनआईए कोर्ट आतंकी यासिन मलिक के आतंकी फंडिंग मामिला में आजीवन कारावास के सजा सुनवले बिया. सजा के एलान होखते प्रतिक्रिया के दौर शुरू हो गईल। एह कड़ी में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के खराब बात सामने आइल बा आ ऊ कहले बाड़न कि आजु भारतीय लोकतंत्र आ ओकरा न्याय व्यवस्था खातिर करिया दिन बा. भारत यासिन मलिक के शारीरिक रूप से जेल में डाल सकेला लेकिन आजादी के ओह विचार के कबो जेल में ना डाल सकेला|
दरअसल, यासीन मलिक के सजा के घोषणा के कुछ समय बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ अपना एगो ट्वीट में इ जवाब देले बाड़े। उ आगे लिखले कि यासीन मलिक के ए सजा से कश्मीरी के आत्मनिर्णय के अधिकार के एगो नाया गति मिली। आईं बता दीं कि यासीन मलिक के सजा का मामिला में पाकिस्तान पहिलहीं से भड़क गइल बा. पाकिस्तान के नेता आ खिलाड़ी नफरत के टिप्पणी करत बाड़े.
Today is a black day for Indian democracy & its justice system. India can imprison Yasin Malik physically but it can never imprison idea of freedom he symbolises. Life imprisonment for valiant freedom fighter will provide fresh impetus to Kashmiris' right to self-determination.
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) May 25, 2022
एकरा से पहिले पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बसित अवुरी शाहिद अफरीदी भी ट्वीट कईले रहले। अब्दुल बसित एगो ट्वीट में कहले कि, ‘शर्मनाक, न्यायिक आतंकवाद भारत के कंगारू कोर्ट फैलावता।’ मोदी अपना के कट्टरपंथी बनावे से पहिले दुनिया के भारत का सोझा खड़ा होखे के पड़ी. एकरा संगे-संगे अफरीदी लिखले कि, भारत मानव अधिकार के उल्लंघन के खिलाफ जवन आवाज उठता ओकरा के दबावे के कोशिश करता।