YouTube: फर्जी खबर फइलावे वाला चैनलन पs दिखावे के होइ डिस्क्लेमर, सरकार यूट्यूब के दिहलस निर्देश

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वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब खातिर सरकार निर्देश जारी कईले बिया। इलेक्ट्रॉनिक्स अवुरी सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के ओर से जारी ए निर्देश में प्लेटफॉर्म से कहल गईल बा कि उ लोग फेक न्यूज चैनल के खिलाफ कानूनी उपाय शुरू करस अवुरी ओ चैनल पs अस्वीकरण के जानकारी देस। बता दीं कि हालही में सरकार सोशल मीडिया प्लेटफार्मन के भी चेतावनी जारी कइले बिया कि भारत में बाल यौन शोषण से जुड़ल सामग्री हटावल जाव।

सरकार कई गो डिजिटल प्लेटफार्मन के निर्देश दिहलस

आवे वाला विधानसभा आ लोकसभा चुनाव से पहिले ऑनलाइन “गलत सूचना” पर दबाव बनावे के कोशिश में इलेक्ट्रॉनिक्स आ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय कई गो डिजिटल प्लेटफार्मन पs ज्ञापन भेज दिहले बा। आईएएनएस के मुताबिक सरकार इहो सलाह दिहलस कि फेक न्यूज के खतरा के मुकाबला करे खातीर ए चैनल पs अस्वीकरण भी देखावल जाए।

फेक न्यूज चैनलन पs “न्यूज नॉट वेरिफाइड” लेबल के प्रस्ताव अधिकारियन के ओर से लगावल गइल बा। ई निर्देश ओह घरी आइल बा जब सरकार के फेक्ट चेक यूनिट नियुक्त के योजना पs संभावित सेंसरशिप विवाद पहिलहीं से गरम हो गइल बा।

सरकार 50 लाख से अधिका यूजर वाला सोशल मीडिया फर्म से कहले बिया कि फेक न्यूज अवुरी अवैध कंटेंट के रोके खातीर अगिला 10 दिन के भीतर योजना जमा करस। हमनी के बता दीं कि इ अपडेट मंत्रालय के ओर से यूट्यूब पs बाल यौन शोषण कंटेंट (सीएसएएम) के हटावे के नोटिस भेजला के कुछ दिन बाद आईल बा, ना त कड़ा सजा के सामना करे के पड़ी।

अपडेट के जवाब देत कंपनी कहलस कि, बाल यौन शोषण के कंटेंट अवुरी एकरा से जुड़ल कंटेंट खातीर उनुका लगे ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ बा। कंपनी के प्रवक्ता के कहना बा कि कवनो तरह के सामग्री जवना से नाबालिग लोग के खतरा हो सकेला ऊ एह प्लेटफार्म पs स्वीकार्य नइखे।

 

 

 

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