इंसान नाहीं, मशीन रचलस इतिहास! दुनिया में पहिला बेर AI के मदद से भइल बच्चा के जनम

Minee Upadhyay
दुनिया में पहिला बेर AI के मदद से भइल बच्चा के जनम

आज के समय में तकनीक के बोलबाला बा, हर क्षेत्र में साफ-साफ लउकत बा, चाहे पढ़ाई होखे, काम होखे, खेती होखे भा घर के काम। हर जगह टेक्नोलॉजी जीवन के तेज, आसान अवुरी होशियार बना देले बा। टेक्नोलॉजी के एह दौर में एआई के इस्तेमाल बहुत बढ़ रहल बा, अब तक लोग एकर इस्तेमाल पढ़े, लिखे, डेटा बनावे जईसन काम में करत रहले, बाकिर अब एआई के इस्तेमाल बच्चा के जनम देवे खातीर भी होखता। ई जान के रउरा अचरज हो सकेला बाकिर ई बिल्कुल सही बा. हाल ही में एआई के मदद से दुनिया के पहिला बच्चा के जनम भईल। आईं जानल जाव कि ई नया आईवीएफ इलाज का हs?

एआई के मदद से कइल गइल फर्टिलाइजेशन

बतावल जा रहल बा कि दुनिया के पहिला बच्चा एआई के मदद से आईवीएफ सिस्टम के इस्तेमाल से पैदा भईल बा। ई सिस्टम इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) के परंपरागत मैनुअल प्रक्रिया के जगह लेला, ई एगो आम तरीका हवे जेकर इस्तेमाल आईवीएफ में होला, जवना में एकही शुक्राणु के सीधे अंडा में इंजेक्शन लगावल जाला। अब ई नया प्रक्रिया एआई भा रिमोट डिजिटल कंट्रोल के माध्यम से बिना कवनो इंसान के हाथ के आईसीएसआई प्रक्रिया के सभ 23 स्टेप पूरा कs सकता।

ई चमत्कार कइसे भइल?


आईसीएसआई तकनीक में आमतौर पs विशेषज्ञ हर शुक्राणु के अंडा में इंजेक्शन लगावेले, लेकिन थकान अवुरी इंसान के गलती के संभावना होखेला। अब न्यूयार्क अवुरी मैक्सिको के वैज्ञानिक के मदद से एगो टीम पूरा तरीका से स्वचालित सिस्टम बनवले बिया जवन कि एआई अवुरी डिजिटल कंट्रोल के इस्तेमाल से ए प्रक्रिया के सभ 23 स्टेप के संचालित करेला। इ सिस्टम ना सिर्फ शुक्राणु के चयन कईलस बालुक लेजर से ओकरा के निष्क्रिय क के अंडा में इंजेक्शन लगा देलस। एह प्रक्रिया के पूरा करे में लगभग 9 मिनट 56 सेकंड प्रति अंडा के समय लागल।

एकर का फायदा बा?


एह तकनीक के पीछे प्रमुख भ्रूण विज्ञानी डॉ जैक्स कोहेन के कहना बा कि एह सिस्टम से आईवीएफ के दुनिया में क्रांति आ सकेला. एहसे स्थिरता बढ़ी, मानवीय गलती कम होई अवुरी अंडा के गुणवत्ता बेहतर रही। एह प्रक्रिया में पांच में से चार अंडा के सफलतापूर्वक निषेचन कईल गईल अवुरी स्वस्थ भ्रूण के निर्माण के बाद ओकरा के फ्रिज कs के स्थानांतरित कs दिहल गईल, जवना के नतीजा में बच्चा के जन्म भईल।

भविष्य के एगो झलक


डाक्टर लोग के मानना ​​बा कि आवे वाला समय में एह तकनीक के तेज अवुरी प्रभावी बनावल जाई। एहसे आईवीएफ के लागत कम हो सकेला, सफलता के दर बढ़ सकेला आ दुनिया भर के लाखों बांझ जोड़ा के बच्चा पैदा करे के नया उमेद मिल सकेला.

अस्वीकरण : प्रिय पाठक, ई खबर पढ़े खातिर धन्यवाद। ई खबर खाली रउरा के जागरूक करे खातिर लिखल गइल बा. हमनी के एकरा के लिखे में सामान्य जानकारी के मदद लेले बानी जा। अगर रउआ कहीं भी अपना स्वास्थ्य से जुड़ल कवनो बात पढ़ले बानी त ओकरा के अपनावे से पहिले डॉक्टर से सलाह जरूर लीं।

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भोजपुरी पत्रकारिता में 2 साल से काम कइला के अनुभव। भोजपुरी में समाचार लिखे के गहिराह जानकारी के संगे फिलिम, मनोरंजन, स्पेशल स्टोरी आदि सेगमेंट्स के खबरन के पढ़े खातिर हमरा संगे बनल रही खबर भोजपुरी पs।
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