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भारत में अमीर लोग काहे अमीर हो रहल बा? एह रिपोर्ट से सच्चाई सामने आइल

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उपभोग वृद्धि में पुनरुद्धार के ‘असमान’ बतावत ब्रोकरेज फर्म कहलस कि प्रीमियम कार, एक करोड़ रुपया से ऊपर के घर, 25,000 रुपया से ऊपर के स्मार्टफोन के बिक्री में तेजी से बढ़ोतरी भइल बा।

भारत में अमीर लोग काहे अमीर हो रहल बा? साथही गरीबन के जिनिगी में कवनो बड़हन बदलाव नइखे होखत । आखिर एकरा पीछे का कारण बा? अब एह सवाल के जवाब मिल गइल बा । स्विस ब्रोकरेज फर्म यूबीएस इंडिया मंगल का दिने कहलस कि भारत के खपत परिदृश्य में ‘गंभीर अंतर’ बा आ निकट भविष्य में ओकर के-एसईपी के रुझान जारी रहे के संभावना बा । K स्टेप युग में समाज के एगो समूह अमीर हो जाला जबकि नीचे वाला समूह के एह बढ़न्ती से ओतना फायदा ना होला । एही से देश के अमीर लोग के धन बढ़ रहल बा। साथही कम आय वाला समूह के ओकर फायदा नइखे मिलत ।

खर्चा के तरीका में बहुत विरोधाभास बा

यूबीएस इंडिया के अर्थशास्त्री तनवी गुप्ता जैन एगो रिपोर्ट में कहले कि भारत के खपत के कहानी एगो महत्वपूर्ण बंटवारा के दर्शावता जवन कि संघर्षरत अर्थव्यवस्था के चलते होखता। बाकी खर्चा के पैटर्न में बहुत विरोधाभास बा, उ कहले कि, समृद्ध आ व्यापक आधार प घरेलू मांग के बीच अंतर बनल बा। एकरा के आय के असमानता, उपभोक्ता ऋण तक पहुंच में बढ़ोतरी आ घर के बचत में गिरावट जइसन कारक से बढ़ावा मिलल बा।” दलाली फर्म के अनुमान बा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में घर के खपत में बढ़ोतरी ‘धीमा’ होके चार-पांच प्रतिशत तक रही । पिछला सालन में देखल गइल रुझान से ई कम बा ।

 घर के खपत लगभग दुगुना हो गइल

कोविड-19 महामारी के बाद देश में असमानता के अंतर बढ़ला के बाद विशेषज्ञ के आकार के रिकवरी के लेके चिंता जतवले बाड़े। हालांकि कुछ अर्थशास्त्री एकरा से सहमत नइखन आ असमानता के कम करे खातीर महामारी के ‘लेवलिंग’ भी कहले बाड़े। यूबीएस के रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में घर के खपत पछिला एक दशक में लगभग दुगुना हो गइल बा, जवन कि सालाना आधार प 7.2 प्रतिशत बढ़ के 2023 तक 2.1 खरब डॉलर हो गइल बा। हालांकि पछिला दु साल में घर के खपत में धीमा गति से बढ़ोतरी भइल बा आ सिर्फ अमीर वर्ग के मांग में ही काफी बढ़ोतरी भइल बा।

महंगा मकान आ महँग वाहन के बिक्री बढ़ गइल

खपत में बढ़ोतरी के पुनरुद्धार के ‘असमान’ बतावत ब्रोकरेज फर्म कहलस कि प्रीमियम कार, एक करोड़ रुपया से ऊपर के घर, 25,000 रुपया से ऊपर के स्मार्टफोन के बिक्री में तेजी से बढ़ोतरी भइल बा। एकरा उलट महामारी के बाद एंट्री लेवल आ जन बाजार उत्पाद के बिक्री धीमा रहल बा। यूबीएस इंडिया खपत में एह बंटवारा के कारण नीचे के लोग के संदिग्ध आय स्थायित्व, कमजोर तबका खातिर सीमित राजकोषीय समर्थन आ कम आय का चलते घर के बचत में कमी जइसन कारक बतवले बा।

कोरोना के बाद से जारी बा

दलाली फर्म के कहनाम बा कि महामारी के बाद भी ‘k-सेप’ के खपत के रुझान जारी बा आ शहरी अर्थव्यवस्था अभी तक ग्रामीण अर्थव्यवस्था से बेहतर प्रदर्शन करतिया। एह खपत के बंटवारा के बावजूद भारत 2026 तक दुनिया के तीसरा सबसे बड़ उपभोक्ता बाजार बने के राह प बा।

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