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प्रज्ञा योग का होला , कइसे कइल जाला? जानि विस्तार में

योग से राउर ई सब समस्या के समाधान हो सकेला। स्वामी विवेकानंद इहो कहले बाड़न कि ‘योग से जीवन लंबा हो जाला’, शायद इहे कारण बा कि प्राचीन काल में हमनी के देश के ऋषि-ऋषि लोग योग आ ध्यान के महत्व पे बहुत जोर देत रहे।

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प्रज्ञा योग का होला , कइसे कइल जाला? जानि विस्तार में

हमनी के व्यस्त जीवनशैली में अक्सर हमनी के अपना खातीर बहुत कम समय मिलेला। एह आपदा में हमनी के स्वास्थ्य पे बहुत बुरा असर पड़ता। जवना के नतीजा में अपच, कब्ज, सिरदर्द अउरी तनाव के समस्या जईसन बहुत शारीरिक समस्या सोझा आवेला। योग से राउर ई सब समस्या के समाधान हो सकेला। स्वामी विवेकानंद इहो कहले बाड़न कि ‘योग से जीवन लंबा हो जाला’, शायद इहे कारण बा कि प्राचीन काल में हमनी के देश के ऋषि-ऋषि लोग योग आ ध्यान के महत्व पे बहुत जोर देत रहे।

 

प्रज्ञा योग का होला ?

योग विशेषज्ञ रविन्द्र यादव बतवले कि, ‘प्रज्ञा योग के सरल भाषा में जीवन साधना भी कहल जा सकता। एकरा से मानसिक आ आध्यात्मिक ताकत बढ़ेला। प्रज्ञा योग 16 आसन के सेट ह जवन जीवन शक्ति अउरी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ावेला, गर्दन में दर्द, कमर दर्द अउरी पेट के मोटापा जईसन बहुत समस्या से राहत देवेला।

प्रज्ञा योग के स्टेप्स-

1-ताड़ासन

 

चटाई पे सीधा खड़ा हो जाइए। लमहर साँस लेत घरी दुनु हाथ के ऊपर तान के वापस ले के गोड़ के उंगली पे खड़ा हो जाईं| एह आसन के कइला से रीढ़ के हड्डी के सही विकास होला, कब्ज से राहत मिलेला आ हृदय रोग में भी ई फायदेमंद होला।

 

2-पाद हस्तासन

 

साँस छोड़त नीचे झुक जा, दुनो हाथ से जमीन के छूईं। गोड़ के सीधा राखीं आ एह दौरान घुटना के छूवे के कोशिश करीं| इ आसन रीढ़ के हड्डी के मजबूत करेला, गैस से राहत देवेला अवुरी कमर के आसपास जमा चर्बी के कम करेला।

 

3-वज्रासन

 

दुनो गोड़ मोड़ के घुटना पे बईठ जा। खास ध्यान राखीं कि एह दौरान रीढ़ के हड्डी सीधा होखे के चाहीं| एह आसन में आराम से साँस लीं आ छोड़ दीं| इहे एकमात्र आसन ह जवन खइला के बाद होला। एकरा चलते खाना के पचना बेहतर होखेला। एकरा संगे-संगे तनाव भी कम हो जाला।

 

4-उष्ट्रासन

गोड़ मोड़ के घुटना पर बइठ जा। लमहर साँस लेत कमर से पीछे मुड़ के दुनु हाथ से गोड़ के अधिका से अधिका छूवे के कोशिश करीं| एकरा चलते पेट अवुरी ओकर निचला हिस्सा, बांह अवुरी कमर के व्यायाम एक संगे होखेला। इ पाचन में सुधार करेला अवुरी कमर दर्द में राहत देवेला। कब्ज के समस्या में भी राहत मिलेला।

 

5- योग मुद्रासन

 

साँस छोड़त घरी वज्रासन में आके आगे झुक के दुनु हाथ पीछे लेके योग मुद्रा बनाईं। कोशिश करीं कि अयीसन करत घरी आपके माथा जमीन के छूवे के चाही। एहसे गैस के समस्या के समाधान हो जाला, अग्न्याशय मजबूत हो जाला अवुरी भूख बढ़ेला।

 

6- अर्धताड़ासन

साँस लेत घरी शरीर के ऊपरी हिस्सा के ऊपर उठाईं आ वज्रासन में बइठल घरी दुनु हाथ के आसमान के ओर तान के राखीं| एहसे कमर दर्द में राहत मिलेला अउरी दिल के मजबूती मिलेला।

 

 7-शशांकासन

बइठल घरी, साँस छोड़त घरी आगे झुक जाईं| माथा के जमीन से छू के दुनो हाथ के आगे बढ़ाईं। एह आसन के कइला से पेट के बेमारी ठीक हो जाला आ साइटिका में भी राहत मिलेला।

 

8-भुजंगासन

गोड़ के पीछे के ओर खोल दीं। दुनो हाथ कमर के साइड में राखे के चाही। साँस लेत घरी आपन बाँहि ऊपर के ओर उठाईं। माथा उठा के आसमान के ओर देखऽ। कुछ देर खातिर एही स्थिति में रहीं। इ आसन दिल अवुरी रीढ़ के हड्डी के मजबूत करेला, गैस के समस्या के दूर करेला अउरी कमर दर्द में फायदेमंद होखेला।

 

9- तिर्यक भुजंगासन बाएं

साँस छोड़त घरी गर्दन के बाईं ओर घुमा के दाहिना गोड़ के एड़ी के ओर देखल जाव। अयीसन कईला से सिर्फ भुजंगासन के लाभ मिलेला।

 

10-तिर्यक भुजंगासन दाएं

शरीर के पहिले जइसन स्थिति में राखीं। गर्दन के दाहिने ओर घुमा के बायां गोड़ के एड़ी के देखल जाव। अयीसन कईला से सिर्फ भुजंगासन के लाभ मिली।

 

 11-शशांकासन

साँस छोड़त घरी कमर के ऊपरी हिस्सा के आगे मोड़ के माथा के जमीन से छूईं। दुनो हाथ के आगे लेके जमीन पे छूईं|

 

12- अर्धताड़ासन

साँस लेत घरी शरीर के ऊपरी हिस्सा के ऊपर उठाईं आ वज्रासन में बइठल घरी दुनु हाथ के आसमान के ओर तान के राखीं| एहसे कमर दर्द में राहत मिलेला अउरी दिल के मजबूती मिलेला।

 

13- उत्कटासन

एह आसन में पैर के उंगली पर बइठ जा। एकरा दौरान छाती बाहर होखे के चाही अउरी हाथ जमीन के छूवत होखे के चाही। सामान्य रूप से साँस लेवे के चाहीं।

 

14- पाद हस्तासन

साँस छोड़त घरी झुक के दुनु हाथ से जमीन के छूईं| गोड़ के सीधा राखीं आ एह दौरान घुटना के छूवे के कोशिश करीं|

 

15-पूर्व ताड़ासन

साँस लेत घरी दुनु हाथ ऊपर उठाईं| पैर के नोक पर खड़ा होके देह के ऊपर खींच के आसमान के ओर देखल जाव। जेतना दिन हो सके एह स्थिति में रहीं। इ खून के शुद्ध करेला अवुरी दिल के मजबूत करेला|

 

16-ओम के उच्चारण 

साँस छोड़त घरी ओम पाठ करत घरी दुनु मुट्ठी बंद कर के जबरन हाथ नीचे ले आवल जाव| आखिर में शवासन क लीं।

 

🙏— योग विशेषज्ञ के देखरेख में प्रज्ञा योग करी अउरी स्वस्थ रही।—🙏

 

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