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उत्तरकाशी में ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म ठीक कइल गइल: टनल में ड्रिलिंग के काम कुछ देर में सुरू होई, अभी 16.2 मीटर खुदाई बाकी बा

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में फंसल 41 मजदूरन के बाहर निकले के इंतजार पूरा देस कs रहल बा, बाकिर रेस्क्यू में आ रहल दिक्कत से सब केहू के सांस अटकल बा। कभी सरिया, तs कभी पत्थर ओह लोगन तक पहुंचे में बाधा बन रहल बा।

एह बीच, PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे बतवलें, ‘हमनी के सुक के सबेरे 11-11:30 बजे तक ड्रिलिंग सुरू कs देम सs। ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार अध्ययन से पता चलल बा कि अगिला 5 मीटर में कवनो रुकावट नइखे।’

47 मीटर तक पाइप पहुंच चुकल बा। अभी 16.2 मीटर खुदाई बाकी बा। ड्रिलिंग के बेरा जदि कवनो बाधा नइखे आवत, तs आज 41 मजदूरन के बाहर निकालल जा सकत बा। एह मजदूरन के टनल में फंसला के आज 13वां दिन हs।

आज सबेरे दलिया आ फ्रूट्स भेजल जाई 

फंसल 41 मजदूरन के खाये-पीये खातिर पैकेट तइयार कइल जा रहल बा। ओह लोगन के सबेरे के नाश्ता में दलिया आ फ्रूट्स भेजल जाई।

बियफे के ऑगर ड्रिल मशीन के तीन बेर रोके के पड़ल
रेस्क्यू ऑपरेशन के 12वां दिन माने बियफे के अमेरिकी ऑगर ड्रिल मशीन तीन बार रोके के पड़ल। देर सांझ ड्रिलिंग करत घरी तेज कंपन होखला से मशीन के प्लेटफॉर्म धंस गइल। एकरा बाद ड्रिलिंग सुक के सबरे तक रोक दिहल गइल।
एकरा पहिले बियफे के दुपहरिया 1.15 बजे मजदूरन तक पहुंचे खातिर बाकी 18 मीटर के खुदाई सुरू कइल गइल, बाकिर 1.8 मीटर के ड्रिलिंग के बाद मलबा में सरिया अइला से खुदाई रोके  के पड़ल। एकरा के दिल्ली से हेलिकॉप्टर से पहुंचल 7 एक्सपर्ट्स ठीक कइल। अधिकारी लोग बतावल- आज 1.86 मीटर ड्रिलिंग भइल। अभी 16.2 मीटर खुदाई बाकी बा।

रेस्क्यू ऑपरेशन के नोडल सचिव नीरज खैरवाल ने बताया कि बियफे के मलबा में सरिया अइला के वजह से पाइप कुछ मुड़ गइल रहे। ऑगर मशीन के नुकसान पहुंचल। दुगो एक्सपर्ट के मदद से सरिया काटल गइल, जवना के बाद ड्रिलिंग के काम दोबारा सुरू भइल। बुध के रातो के ऑगर मशीन के सामने सरिया आ गइल रहे। NDRF के टीम रात में सरिया काटके अलग कs दिहल गइल रहे।

अब जानिए कइसे होई रेक्स्यू, का बा तइयारी

ड्रिलिंग कंप्लीट होखला पs NDRF के 15 सदस्यीय टीम हेलमेट, ऑक्सीजन सिलेंडर, गैस कटर के संगे 800 मिमी की पाइपलाइन से अंदर जाई। अंदर फंसल लोगन के बाहर के हालात आ मौसम के बारे में बतावल जाई। डॉक्टरन के कहनाम बा, चूंकि टनल के अंदर आ बाहर के तापमान में बहुत अंतर होई, एहिसे मजदूरन के तुरंत बाहर ना ले आवल जाई।

साभार: दैनिक भास्कर

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